Chandauli News:चकिया में 20 साल पुराने मामले में भाजपा के दो वरिष्ठ नेता जेल भेजे गए,2006 में टिकट कटने के बाद पार्टी का झंडा फूंका, तोड़फोड़ और गाड़ी रोकने का आरोप,चकिया अदालत का बड़ा फैसला

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय�

चकिया।दो दशक पुराने राजनीतिक विवाद से जुड़ा मामला आखिरकार अंजाम तक पहुंचा। भाजपा के वरिष्ठ नेता शिव रतन गुप्ता और सरदार कुलवंत सिंह को चकिया स्थित सिविल जज (जूनियर डिवीजन) कुंवर जितेन्द्र प्रताप सिंह की अदालत नेसोमवार को जेल भेजने का आदेश दिया।

यह मामला सन 2006 के चकिया नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव से जुड़ा है। उस समय भाजपा ने अशोक कुमार बागी का टिकट काटकर राजेंद्र प्रसाद जायसवाल को प्रत्याशी बनाया था। टिकट कटने से नाराज़ होकर कुछ भाजपा नेता उग्र हो गए। आरोप है कि उन्होंने राणा प्रताप सिंह की गाड़ी को रोककर उसमें तोड़फोड़ की और सार्वजनिक रूप से भाजपा का झंडा फूंक दिया।इस घटना के बाद पुलिस ने भाजपा नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया था। मामले में कुल चार नेताओं चकिया के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार बागी, अचल जायसवाल, शिव रतन गुप्ता और सरदार कुलवंत सिंह को नामजद किया गया था।समय के साथ अशोक कुमार बागी और अचल जायसवाल का निधन हो गया, जिसके बाद उनके नाम मामले से हटा दिए गए।बचे हुए दो आरोपी शिव रतन गुप्ता और सरदार कुलवंत सिंह के खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया था। कई बार उपस्थित न होने पर अदालत ने सख्ती दिखाई और उनकी दलीलें खारिज कर दीं। अंततः अदालत ने वारंट निरस्त कर उन्हें सिविल जेल भेजने का आदेश दिया। पुलिस ने दोनों नेताओं को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

*राजनीतिक गलियारों में हलचल*
भाजपा नेताओं द्वारा ही पार्टी का झंडा फूंकने और गाड़ी पर हमला करने जैसी घटना उस समय बड़ी चर्चा का विषय बनी थी। अब लगभग 20 साल बाद आए इस फैसले ने स्थानीय राजनीति को फिर से गर्मा दिया है।भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में इस फैसले को लेकर हलचल मची हुई है, वहीं विपक्षी दल इसे भाजपा की अंदरूनी कलह का परिणाम बताते हुए सवाल खड़े कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इतने लंबे समय बाद भी यह मामला भाजपा की संगठनात्मक एकता पर सवाल उठाता है।