गौरेला–पेंड्रा–मरवाही में शिल्पाहरी और कोलबीरा पंचायत क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन से प्रकृति पर संकट

गौरेला,पेंड्रामरवाही जिले की जीवनदायिनी सोना नदी इन दिनों इंसानी लालच का शिकार बन रही है।शिल्पाहरी और कोलबीरा ग्राम पंचायतों में ट्रैक्टरों के माध्यम से बड़े पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन जारी है।यह अंधाधुंध दोहन न केवल नदी के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है बल्कि आसपास की खेती, भूजल और पर्यावरण पर भी गहरा संकट खड़ा कर रहा है।

प्रकृति का हनन

रेत की लगातार निकासी से नदी का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है।

पानी का प्रवाह घटने और जलस्तर नीचे जाने का खतरा।

नदी किनारे की मिट्टी कट रही है, जिससे खेत और पेड़-पौधे प्रभावित।

ट्रैक्टरों से अवैध कारोबार

दिन-रात धड़ल्ले से रेत ढोने का काम जारी।

सड़कों की हालत जर्जर, दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ी।

शासन को करोड़ों की राजस्व हानि।

प्रशासन मौन

ग्रामीणों ने कई बार शिकायतें कीं, लेकिन अब तक किसी तरह की सख़्त कार्रवाई नहीं हुई।

लोगों का आरोप है कि मिलीभगत के चलते अवैध रेत उत्खनन पर लगाम नहीं लग पा रही है।

ग्रामीणों की पुकार

ग्रामीणों ने मांग की है कि ?

अवैध उत्खनन पर तुरंत रोक लगे।

दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

सोन नदी और पर्यावरण को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ। सूत्र