क़र्बला के शहीदों की शहादत को याद कर समाजसेवी ज़ैनब फ़ातिमा ने बांटा ठण्डा शर्बत

बरेली-: मैदान-ए-क़र्बला में मज़हब-ए-इस्लाम को बचाने के लिए पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के नवासे और बीबी फ़ातिमा व शेरे ख़ुदा मौला अली के साहबज़ादे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के साथ उनके 71 साथियों ने हक़ और बातिल की लड़ाई लड़ते हुए यज़ीदी फ़ौज के सामने अपना सर मुबारक़ कलम करवाकर इस्लाम को ज़िंदा कर दिया जिससे आज तक इस्लाम दुनिया में कायम है लेकिन हुसैन को क़त्ल करने वालों का नाम-ओ-निशां तक वाक़ी नही है। यक़ीनन हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों की शहादत इंसाफ़, हक़ और इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल है। इन्हीं क़र्बला वालों की शहादत की याद में मुहर्रम क़े मौक़े पर समाजसेवी ज़ैनब फ़ातिमा द्वारा ठंडे शर्बत की सबील लगाकर राहगीरों को शर्बत बांटा गया। इस सबील के माध्यम से लोगों ने इंसानियत और भाईचारे का परिचय दिया। मौजूद लोगों की नज़रें बार-बार क़र्बला की उस घटना की ओर जाती रहीं जहां प्यासे लोगों को पानी नही दिया गया था, यह याद आज भी लोगों को भावुक कर देती है।