बरगी बांध के नौ गेट खुलने का असर: हसदेव नदी के जलस्तर में संभावित बढ़ोतरी, कोरबा, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा में अलर्ट

✍️ CitiUpdate रिपोर्ट | समीर खूंटे

जबलपुर/कोरबा। मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना (बरगी बांध) के जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि के बाद रविवार को मानसून सीजन में पहली बार इसके 21 में से 9 स्पिलवे गेट खोल दिए गए। इससे 52,195 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है। जल प्रबंधन की यह आपातकालीन कार्रवाई नर्मदा बेसिन से जुड़े निचले इलाकों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य के लिए भी चिंता का विषय बन गई है।

### 🔶 बरगी बांध के जलप्रवाह से छत्तीसगढ़ में हसदेव पर संभावित असर

बरगी बांध से छोड़ा गया अतिरिक्त पानी मध्यप्रदेश से होते हुए नर्मदा की सहायक नदियों और उनसे जुड़े नालों के माध्यम से आगे बढ़ेगा, जिसका अप्रत्यक्ष प्रभाव हसदेव नदी प्रणाली पर पड़ सकता है। हसदेव नदी, जो छत्तीसगढ़ के कोरबा, जांजगीर-चांपा और बिलासपुर जिलों में जीवन रेखा जैसी मानी जाती है, वहां का जलस्तर बढ़ने की आशंका प्रकट की जा रही है।

हसदेव और नर्मदा के बीच सीधा जल प्रवाह मार्ग नहीं है, लेकिन बांध से छोड़ा गया पानी मौसम की चाल और क्षेत्रीय जलनिकासी प्रणाली पर निर्भर करता है। अगर बारिश लगातार जारी रही और मध्यप्रदेश के अन्य जलस्रोत भी अतिरिक्त जल छोड़ते हैं, तो छत्तीसगढ़ में नदी जलप्रणालियाँ दबाव में आ सकती हैं।

### 🔶 कोरबा: निचले इलाकों में अलर्ट, नदी किनारे बस्तियों पर संकट

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हसदेव नदी के किनारे स्थित कई मोहल्ले?जैसे गोबरा नवापारा, कटघोरा घाट, बांगो डेम बैकवॉटर क्षेत्र?जलस्तर में वृद्धि से प्रभावित हो सकते हैं। विशेष रूप से बांगो बांध पर दबाव बढ़ने की संभावना है, जिससे इसके गेट भी खोले जा सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो कोरबा शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

प्रभाव संभावित:

  • हसदेव किनारे की झुग्गी बस्तियाँ डूब क्षेत्र में आ सकती हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में फसलें नष्ट होने का खतरा।
  • स्कूलों और अस्पतालों में पानी घुसने की आशंका।

### 🔶 जांजगीर-चांपा: निचले जलभराव क्षेत्र खतरे में

जांजगीर-चांपा जिला जो जलप्रवाह की प्राकृतिक दिशा में आता है, वहां की नदियाँ जैसे लीलागर, शिवनाथ और हसदेव की शाखाएँ पहले से ही उफान पर हैं। ऐसे में बरगी बांध से छोड़ा गया जल परोक्ष रूप से यहां की स्थिति को और अधिक जटिल बना सकता है।

मुख्य समस्याएँ:

  • सड़क संपर्क टूटने की आशंका।
  • खेतों में जलभराव।
  • बिजली आपूर्ति में व्यवधान।

### 🔶 बिलासपुर: अरपा और हसदेव की धाराओं पर नजर

बिलासपुर जिले में हसदेव और अरपा नदी दोनों की गतिविधियों पर आपदा प्रबंधन टीम की कड़ी निगरानी है। बरगी बांध से निकलने वाली पानी की चेन रिएक्शन यहां तक पहुंच सकती है। यदि स्थानीय बारिश भी जारी रही, तो स्थिति और विकट हो सकती है।

### 🔶 प्रशासन और आपदा प्रबंधन की तैयारी

छत्तीसगढ़ के राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) ने संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कोरबा, जांजगीर और बिलासपुर जिलों में टीमें तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही, नदियों के किनारे बसे नागरिकों से सतर्क रहने, और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सूचना देने की अपील की गई है।

### 🔶 विशेषज्ञों की राय

जल संसाधन विशेषज्ञ डॉ. एन.पी. साहू के अनुसार:

"बरगी बांध से छोड़ा गया पानी सीधा हसदेव तक नहीं पहुंचता, लेकिन हिमालयी दबाव प्रणाली, लगातार बारिश और जल बहाव की दिशा को देखकर यह तय करना मुश्किल नहीं कि निचले छत्तीसगढ़ तक इसका प्रभाव दिख सकता है।"

### 🔶 अपील:

⛔ नदी तटों से दूरी बनाए रखें।

🚫 डूब क्षेत्रों में प्रवेश न करें।

📲 स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें|

📝 यह रिपोर्ट बरगी बांध जलस्तर की अद्यतन स्थिति, संभावित जलप्रवाह मार्ग और छत्तीसगढ़ के संवेदनशील जिलों में इसके संभावित प्रभाव का पूर्वानुमान आधारित आंकलन है। लगातार अपडेट के लिए CitiUpdate के साथ जुड़े रहें।