मां वैष्णो देवी के भक्तों के लिए गुड न्यूज! अब भूस्खलन नहीं रोक पाएगा श्रद्धालुओं का रास्ता; हो रहा ये विशेष इंतजाम

मां वैष्णो देवी के भक्तों के लिए गुड न्यूज! अब भूस्खलन नहीं रोक पाएगा श्रद्धालुओं का रास्ता; हो रहा ये विशेष इंतजाम

माता वैष्णो देवी के बैटरी कार मार्ग पर भूस्खलन रोकने के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम सर्वे कर रही है। अक्टूबर तक सर्वे पूरा होने के बाद प्रभावित हिस्सों में कंक्रीट की दीवारें शेड व लोहे के जाल लगाए जाएंगे। वर्तमान में भी दो कंपनियां भूस्खलन रोकने का काम कर रही हैं जिससे 50-60% तक भूस्खलन रुका है।

कटड़ा। आए दिन भूस्खलन व पत्थर गिरने से माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन रहा बैटरी कार मार्ग अधिक देर तक भक्तों की राह नहीं रोक पाएगा। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम बरसात के दिनों में बारीकी से इस मार्ग का सर्वे कर रही है, ताकि प्रभावित जगहों को चिन्हित कर उसका उपाय किया जा सके।यह सर्वे अक्टूबर में पूरा होगा और टीम की ओर से दिए गए सुझाव पर इस मार्ग के प्रभावित हिस्सों में कंक्रीट की मजबूत दीवारें, शेड, पहाड़ों पर लोहे व स्टीक के जाल बिछाने और रेलिंग आदि का काम नवीनतम तकनीक से शुरू होगा। मौजूदा समय में भी दो विशेषज्ञ कंपनियां टिहरी हाइड्रोलिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (टीएचडीसीएल) और पायनियर भूस्खलन प्रभावित हिस्से में जाल आदि लगाने का काम कर रही हैं।इससे मार्ग पर 50 से 60 प्रतिशत तक भूस्खलन पर रोक लगी है, लेकिन इसे पूरी तरह से नहीं रोका जा सका है। इसी को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने इसी वर्ष फरवरी में ज्योलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के साथ सर्वे के लिए करार किया था। आद्कुंवारी से ठीक पहले बैटरी कार मार्ग भवन की ओर जाता है। यह मार्ग बोर्ड व श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है। इस मार्ग से जाने पर श्रद्धालु कठिन चढ़ाई से बच जाते हैं।

यहां हो रहा सबसे अधिक भूस्खलन

वर्तमान में बैटरी कर मार्ग के देवी द्वारा क्षेत्र, सत्य जलपान क्षेत्र, हिमकोटी क्षेत्र, साकेत जलपान क्षेत्र के साथ ही ठंडा नाला क्षेत्र में सबसे ज्यादा भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं।

2000 में शुरू हुआ था काम

श्राइन बोर्ड ने वर्ष 2000 में इस मार्ग का निर्माण करवाया था। बताया जाता है कि जब निर्माण शुरू हुआ तो विस्फोट कर चट्टानों को हटाया गया था। इससे त्रिकुटा पर्वत की यह पहाड़ी हिल गई। तब मामले की गंभीरता को देखते हुए एनजीटी ने जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बाद मार्ग का निर्माण तो पूरा हो गया, लेकिन भूस्खलन रुक नहीं रहा। श्राइन बोर्ड ने वर्ष 2005 में इस मार्ग पर बैटरी कार सेवा शुरू की थी।

मां वैष्णो देवी के महत्वपूर्ण बैटरी कार मार्ग पर भूस्खलन रोकने के लिए गंभीर प्रयास जारी हैं। इसको लेकर ज्योलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के साथ करार किया गया है, ताकि आने वाले समय में भवन मार्ग पर भूस्खलन न हो और श्रद्धालुओं के लिए यात्रा पूरी तरह सुरक्षित रहे। अंशुल गर्ग, सीईओ श्राइन बोर्ड