लाखों की 15वें वित्त की राशि गबन करने वाला ग्राम पंचायत सचिव गिरफ्तार

धार्मिक भावना भड़काने का भी मामला दर्ज, न्यायिक रिमांड पर भेजा गया

✍️ विशेष संवाददाता | जांजगीर-चांपा | 10 जून 2025

ग्राम पंचायत कोटमीसोनार, जनपद पंचायत अकलतरा (जिला जांजगीर-चांपा) में 15वें वित्त आयोग योजना अंतर्गत लाखों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में तत्कालीन पंचायत सचिव ईलाही मोहम्मद कुरैशी (निवासी बलौदा) को पुलिस ने गिरफ्तार कर 10 जून 2025 को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

🔍 क्या है पूरा मामला?

वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के दौरान, ग्राम पंचायत कोटमीसोनार को 15वें वित्त आयोग अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों के लिए राज्य शासन द्वारा ₹25,13,528/- की राशि स्वीकृत की गई थी। उक्त राशि के उपयोग में भारी अनियमितता और गबन की शिकायतें आने पर जनपद पंचायत अकलतरा द्वारा जांच समिति गठित की गई।

जांच में सामने आया कि तत्कालीन सचिव ईलाही मोहम्मद कुरैशी द्वारा योजनाओं के नाम पर फर्जी बिल, मनगढ़ंत खर्च, बिना कार्य के भुगतान, और दस्तावेजी हेरफेर के माध्यम से पूरा बजट धोखाधड़ीपूर्वक हड़प लिया गया।

जांच रिपोर्ट के आधार पर, अकलतरा थाना में आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 233/2025 के तहत धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और 34 (साझा आपराधिक कृत्य) भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।

📲 सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का भी मामला दर्ज

इसी आरोपी द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप में धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाने वाला लेख साझा करने की भी पुष्टि हुई है। इस संबंध में आरोपी के विरुद्ध धारा 299 BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) के तहत अलग से मामला दर्ज किया गया है।

⚖️ पंचायती व्यवस्था और भ्रष्टाचार

छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अनुसार ग्राम पंचायत सचिव का कर्तव्य है कि वह विकास कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए ग्राम सभा को नियमित रूप से सूचना दे, कार्य योजना का क्रियान्वयन ईमानदारी से करे, और सार्वजनिक लेखा का रजिस्टर अपडेट रखे। लेकिन इस प्रकरण में पंचायत सचिव ने न केवल अधिनियम की भावना का उल्लंघन किया बल्कि योजनाओं का उद्देश्य भी विफल कर दिया।

👮?♂️ पुलिस की त्वरित कार्रवाई

इस गंभीर मामले में पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा श्री विजय कुमार पाण्डेय (IPS) के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार कश्यप के मार्गदर्शन में त्वरित कार्रवाई की गई। अकलतरा थाना प्रभारी निरीक्षक मणीकांत पाण्डेय व उपनिरीक्षक के. के. साहू के नेतृत्व में आरोपी को ट्रैक कर गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ के दौरान आरोपी ने दोनों अपराधों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

वर्तमान में मामला विवेचना में है, और पुलिस द्वारा यह जाँच की जा रही है कि गबन की राशि किन माध्यमों से खर्च की गई और क्या इसमें अन्य कोई अधिकारी या सरपंच की संलिप्तता है?

📌 विश्लेषण: क्या यह अकेला मामला है?

इस तरह के कई प्रकरण ग्रामीण स्तर पर कार्यरत सचिवों व सरपंचों द्वारा सामने आते रहे हैं, जिनमें पंचायत निधियों का दुरुपयोग आम है। आवश्यकता है कि:

  • प्रत्येक पंचायत में जन लेखा समिति को सक्रिय किया जाए|
  • ग्राम सभाओं को कायदे से आयोजन कर निर्णय सार्वजनिक किया जाए|
  • सोशल ऑडिट की प्रक्रिया को डिजिटल ट्रैकिंग प्रणाली से जोड़ा जाए|

📣 यदि यह लचर व्यवस्था जारी रही तो ग्रामीण विकास की सारी योजनाएं केवल कागजों में ही दम तोड़ देंगी।

📍CitiUpdate के लिए विशेष रिपोर्ट

✍️ समीर खूंटे,