पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र की उपस्थिति में वडोदरा मंडल में मिशन लाइफ के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस का सफल आयोजन

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र की उपस्थिति में वडोदरा मंडल में मिशन लाइफ के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस का सफल आयोजन

पश्चिम रेलवे के वडोदरा मंडल में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मिशन लाइफ अभियान के अंतर्गत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम प्रकृति बचाएँ, प्राकृतिक अपनाएँ(Beat Plastic Pollution) रही, जिसके अनुरूप मंडल ने प्लास्टिक प्रदूषण से मुकाबला करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई रचनात्मक एवं सकारत्मक गतिविधियाँ संपन्न कीं।

महाप्रबंधक, पश्चिम रेलवे अशोक कुमार मिश्र, मंडल रेल प्रबंधक राजू भडके, एवं वरिष्ठ विभागीय अधिकारीगण ने पर्यावरण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतापनगर रेलवे कॉलोनी से कयावरोहन तक साइक्लिंग रैली में उत्साहपूर्वक भाग लिया। तदुपरांत इस अवसर पर, पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली एवं वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। इसके अलावा, मंडल के विभिन्न स्टेशनों, रेलवे कॉलोनियों, वर्कशॉप्स, डिपो और स्वास्थ्य इकाइयों में वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण की शपथ, तथा जागरूकता रैलियाँ आयोजित की गईं। वडोदरा मंडल के स्टेशनों पर यात्रियों को एक बार उपयोग में आने वाली प्लास्टिक की बोतलों के निपटान और स्टेशनों पर कूड़ा-करकट कम करने के लिए प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनों का उपयोग करने के लिए शिक्षित और प्रोत्साहित किया गया।

वडोदरा मंडल ने इन कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रतिबद्धता दर्शाई, बल्कि समाज को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु प्रभावशाली पहल की।

भारतीय रेल की गौरवशाली विरासत को संभालने का एक जीवंत उदाहरण है प्रतापनगर स्थित रोलिंग स्टॉक पार्क, जहाँ नैरोगेज युग की अनमोल धरोहरों को संरक्षित किया गया है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र द्वारा इस विरासत स्थल का अवलोकन किया गया, जिसमें उन्होंने इसके संरक्षण प्रयासों की सराहना की और भारतीय रेल के स्वर्णिम अतीत को संजोने के इस प्रयास को प्रेरणादायक बताया।

नैरोगेज निरीक्षण कैरिज

इस ऐतिहासिक निरीक्षण कैरिज का नवीनीकृत कर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र द्वारा उद्घाटित किया गया है। यह कैरिज दर्शकों के लिए प्रदर्शित की गई है और रेलवे निरीक्षण प्रणाली के उस स्वर्णिम युग की याद दिलाती है, जब नैरोगेज पटरियों पर इसका नियमित संचालन होता था।