एनटीपीसी ऊंचाहार परियोजना प्रमुख ने विश्व पर्यावरण दिवस पर दी बधाई

रायबरेली।विश्व पर्यावरण दिवस-2025 की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाए।इस साल पर्यावरण दिवस प्लास्टिक प्रदूषण को रोकें के थीम पर आधारित है। एनटीपीसी ऊंचाहार निरंतर प्रदूषण कम करने के लिए प्रयासरत रहा है।"उत्पादन में बढ़ोत्तरी,ग्रीन हाउस गैस की गहनता को कम करना" हमारे पर्यावरण के प्रबंधन पर हमारा दृष्टिकोण है।कंपनी की स्थापना से ही, एनटीपीसी ने इस मुद्दे पर आगे बढ़कर नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है।टी विद्युत परियोजना की कुल निर्माण क्षमता 1550 मेगावॉट है। 10 मेगावॉट का सोलर विद्युत प्रोजेक्ट ग्राम अरखा में लगाया गया है।"प्लास्टिक की समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है इसको समय रहकर हमें रोकना जरूरी है।हमने अपने प्लांट और टाउनशिप में एकल उपयोग प्लास्टिक को पूर्णतः प्रतिबंधित किया है।हम जब भी खरीदारी करने बाजार जाएं तो अपने साथ कपड़े का थैला साथ जरूर रखें।जिससे अनावश्यक प्लास्टिक अपने घर में आने को रोका जा सके।चलिए हम सब मिलकर ये प्रण लेते हैं की सिंगल यूज़ प्लास्टिक के थैले को पूर्णतःप्रतिबंधित करेंगे।?कोयला जलने की वजह से सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिक्युलेट मैटर उत्सर्जित होता है।इसके रोकथाम के लिए पर्यावरण,वन मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार इस के उत्सर्जन की सीमा तय मानक के अनुसार ही करना है।इस उत्सर्जन को कम करने के लिए हमारे इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर को अपग्रेड करना पड़ा और हमारी सभी छह इकाइयों में इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर को हमने अपग्रेड कर दिया ओर हमारे तय मानक अनुसार पार्टिकुलेट मैटर का उत्सर्जन हमने कंट्रोल कर लिया।इसी तरह सल्फर डाइऑक्साइड कंट्रोल करने के लिए हमने सभी इकाइयों में फ्लू गैस डी सल्फराइजेशन प्लांट लगाये है।इकाई 1 से लेकर 6 तक फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन प्लांट तैयार हो चूके हैं और अभी इनको आपरेशन में लिया गया है।नाइट्रोजन ऑक्साइडस को इकाई पांच और छह में तय मानक नुसार इसे बनाए रखना है इसके लिए एनटीपीसी ऊंचाहार में लोनॉक्स बर्नर ओर एयर फायर डैमपर लगाए जा चूके हैं।जिसके वजह से नाइट्रोजन ऑक्साइडस की मात्रा काफी हद तक कम की जा चुकी है।कोयला जलने की वजह से हवा में कार्बन डाइऑक्साइड भी उत्सर्जित होते रहता है।इस उत्सर्जन को कम करने के लिए हमने एनटीपीसी ऊंचाहार के चारों तरफ ग्रीन बेल्ट का डेवलपमेंट किया जा चुका है और जहाँ जगह मिली वहाँ पेड़ पौधे लगाए गए हैं।एनटीपीसी ऊंचाहार अपने आसपास के गांवों में भी वृक्षारोपण करते आया है।अभी तक 14.5 लाख पौधे एनटीपीसी ऊंचाहार ने सामाजिक वानिकी उत्तर प्रदेश सरकार रायबरेली द्वारा लगाए जा चुके हैं।जिसके वजह से कार्बन डाइऑक्साइड शोषित हो कर हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाए जाने का काम लगातार पौधों द्वारा किया जाता है।हमारे सभी चिमनियों में कंटीन्यूअस स्टैक एमिशन मॉनीटरिंग सिस्टम लगा हुआ है।यह रियल टाइम मॉनीटरिंग डेटा सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को जाता है और सीपीसीबी हमारे प्लॉट का एमीशन डाटा रियल टाइम मॉनीटरिंग करता है।एम्बिएंट एयर को भी हम लगातार मॉनीटरिंग करते हैं।एम्बिएंट एयर में PM 10, PM2.5, SO2 and Nox इन सभी पैरामीटर की मॉनीटरिंग की जाती है।एम्बिएंट एयर मॉनीटरिंग के तीन स्टेशन अलग अलग दिशा में हमने इन्स्टॉल कर रखे है ओर जिसकी रीडिंग उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के ऑफिसर द्वारा अपने विजिट पर चेक की जाती है।साथ ही प्लांट मेन गेट पर इसे डिस्प्ले किया जाता है।कोयले के धूल को उड़ाने से रोकने के लिए कोल यार्ड मे स्प्रिंक्लर लगाए गए है।ये स्प्रिंक्लर कोयले के ऊपर पानी का छिड़काव लगातार करते रहते हैं।कैथवाल तालाब बिकई तालाब सीएसआर और पर्यावरण विभाग द्वारा आसपास के गांवों का तालाब का पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण का भी काम किया गया है।कैथवल और बिकई गांव के तालाब का जीर्णोद्धार पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण कराकर इस तालाब को फिर से पुनर्जीवित किया गया है।जिसकी वजह से तालाब के पानी भरने की क्षमता बढ़ गई है और गांव वालों भी यह एक सुन्दर सी जगह घूमने फिरने के लिए बन गई है।इसी कड़ी में भवानीदीनपुर गांव के तालाब का भी जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया है और इसे जल्दी ही पूरा कर इस साल के अंत तक मुरार मऊ ग्राम पंचायत को सौंपा जाएगा।प्लांट से किसी भी तरह का प्रदुषित पानी गंगा नदी में नहीं जाता और इसके रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए गए हैं।टाउनशिप में हमारा दो एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एम बी बीआर टेक्नोलॉजी में कार्यरत है।ऐश वॉटर सर्कुलेशन सिस्टम भी कार्यरत हैं।प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी को भी हम प्लांट के अंदर ही ट्रीटमेंट करके उसको री यूज़ कर लेते हैं।इसके लिए हमने दो इटीपी प्लांट लगाए हुए हैं।इटीपी मे ट्रीटेड किया हुआ।एफ़्फ़्लुएंट हम सर्विस वाटर या फिर ऐश वाटर रीसर्कुलेशन में इसको बस यूज़ कर लेते हैं।इस तरह हमने जोरो लिक्विड डिस्चार्ज को अपनाया है।प्लांट के अंदर सुसज्ज रसायन लैबोरेटरी है,जिसमे गंदे पानी एवं हवा के गुणवत्ता की जांच के उपकरण उपलब्ध है।समय समय पर गंदे पानी की और हवा की गुणवत्ता की जांच हमारे रसायन विभाग द्वारा की जाती है।बायो- मीथेनेशन गैस प्लांट ठोस कचरे के प्रबंधन में से एनटीपीसी ऊंचाहार लगातार कार्यरत हैं।प्लांट कैंटीन और अन्य कैंटीनों से उत्पन्न रसोई अपशिष्ट के उपचार के लिए प्लांट आईसीएच कैंटीन के पास 250 किग्रा/दिन बायो- मीथेनेशन गैस प्लांट स्थापित किया गया है।जैविक अपशिष्ट से बनी हुई मिथेन गैस को खाना पकाने के लिए हम उपयोग कर लेते हैं।रेल वैगन में कोयला प्लास्टिक तारपोलिन से ढका हुआ आता है,इस प्लास्टिक तारपोलिन को जमा कर रिसाइक्लर को भेज दिया जाता है।सभी तरह के खतरनाक अपशिष्ट उत्तर प्रदेश 'प्रदूषण 'नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देश अनुसार निपटान किया जाता है।गेहूं और धान की कटाई के बाद बड़ी मात्रा में जो पराली निकलती है उसे किसानों द्वारा जलाया जाता था,जिसकीवजह से हवा में प्रदूषण फैलता था। किसानों द्वारा इस पराली को अभी बायोमास पैलेट्स में बनाकर कोयला मिक्स कर इसे जलाया जाता है। एनटीपीसी ऊंचाहार अब तक 10,000 मैट्रिक टन बायोमास पैलेट्स कोयले के साथ मिक्स कर कर जलाया गया है।इस पैलेट्स में किसानों को अच्छी आमदनी भी मिल जाती है और प्रदूषण कम होने के लिए भी मदद मिलती है।पर्यावरण विभाग द्वारा समय समय पर आसपास के गांवों के पानी एवं हवा की गुणवत्ता की मान्यता प्राप्त भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा जांच की जाती है और इसकी रिपोर्ट पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भेजी जाती है।पर्यावरण दिवस पर हम संकल्प लेते हैं की प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त ऊंचाहार बनाने के लिए हमें एकल उपयोग प्लास्टिक पर रोकथाम करेंगे।इस प्रदूषण को रोकने के लिए हम जब भी अपने घर से बाहर सामान खरीदने के लिए निकले तो हम एक थैला अपने साथ अवश्य ले जाये और अपने आसपास के क्षेत्र में एक पेड़ जरूर लगाएं।आप सभी को पर्यावरण दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।