पंजाब मेल सेवा के गौरवपूर्ण 114वें वर्ष में प्रवेश कर रही है

पंजाब मेल सेवा के गौरवपूर्ण 114वें वर्ष में प्रवेश कर रही है

भारतीय रेल की सबसे प्राचीन ट्रेनों में से एक, प्रतिष्ठित पंजाब मेल, जो आज भी यात्रियों की सेवा में समर्पित है, 1 जून 2025 को अपने गौरवशाली 114वें वर्ष में प्रवेश करेगी।

यह ऐतिहासिक ट्रेन 113 वर्षों से निरंतर सेवा दे रही है।

यात्रा का इतिहास

पंजाब मेल ने अपनी पहली यात्रा 1 जून 1912 को बॉलार्ड पियर मोल स्टेशन (तत्कालीन ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे - GIPR का प्रमुख केंद्र) से प्रारंभ की थी।

यह ट्रेन निश्चित ?मेल दिवसों? पर बॉम्बे से पेशावर तक चलती थी, जिसकी कुल दूरी 2,496 किमी थी और यात्रा समय लगभग 47 घंटे।

यह मार्ग इटारसी, आगरा, दिल्ली और लाहौर जैसे महत्वपूर्ण शहरों से होकर गुजरता था और पेशावर कैंटोनमेंट पर समाप्त होता था।

1914 में ट्रेन की शुरुआत और समापन स्टेशन को बॉम्बे वीटी (वर्तमान में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई) में स्थानांतरित कर दिया गया और यह दैनिक सेवा बन गई। 1541 किमी के बॉम्बे-Delhi मार्ग को यह ट्रेन 29 घंटे 30 मिनट में तय करती थी, जिसे 1920 के दशक तक घटाकर 27 घंटे 10 मिनट कर दिया गया था।

1972 में अतिरिक्त स्टॉपेज के कारण यात्रा समय पुनः 29 घंटे हो गया।

वर्तमान में, पंजाब मेल मुंबई से फिरोजपुर कैंटोनमेंट तक 1,928 किमी की दूरी को 33 घंटे 35 मिनट में तय करती है और मार्ग में 52 स्टेशन पड़ते हैं।

कोच और इंजनों का विकास

प्रारंभ में इस ट्रेन में 6 कोच थे ? 3 यात्री कोच (लगभग 288 यात्री क्षमता) और 3 डाक व पार्सल कोच।

1930 के दशक में तृतीय श्रेणी कोच जोड़े गए।

1945 में वातानुकूलित (AC) कोच की शुरुआत हुई।

1968 में झांसी तक डीज़ल इंजन लगाए गए, जिसे 1976 तक दिल्ली और आगे फिरोजपुर तक विस्तारित किया गया।

1970 के दशक के अंत में, ट्रेन को आंशिक रूप से बिजली इंजनों (WCAM-1) से चलाया जाने लगा, जिसमें इगतपुरी तक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का उपयोग होता था।

1 दिसंबर 2020 से इस ट्रेन में एलएचबी कोच लगाए गए, जिससे यात्री सुविधा और सुरक्षा दोनों में वृद्धि हुई।

वर्तमान में, यह ट्रेन पूरी तरह से बिजली इंजन द्वारा संचालित होती है, और इसका पारंपरिक रेस्टोरेंट कार अब पैंट्री कार से बदल दिया गया है।

वर्तमान स्वरूप

पंजाब मेल आज भी यात्रियों में अत्यंत लोकप्रिय है और इसकी औसत बुकिंग क्षमता 250% से अधिक है। वर्तमान कोच संरचना में शामिल हैं: 1 एसी फर्स्ट क्लास कम एसी-2 टियर कोच, 2 एसी-2 टियर कोच, 6 एसी-3 टियर कोच, 6 स्लीपर क्लास कोच, 4 सामान्य द्वितीय श्रेणी कोच, 1 जनरेटर वैन, 1 एसएलआर (सामान्य लगेज और गार्ड वैन).