राजा परीक्षित मोक्ष एवं सुदामा चरित्र के साथ कथा का समापन

आलापुर (अम्बेडकर नगर) | तहसील क्षेत्र आलापुर के अन्तर्गत करमनपुर में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ चल रही है। कथा का आयोजन माता प्रसाद पाण्डेय द्वारा किया जा रहा है। कथा ज्ञानयज्ञ में अयोध्या धाम से पधारे कथाव्यास प्रशान्तानन्द जी महाराज द्वारा किया जा रहा है। कथा के समापन पर मंगलवार को उन्होंने सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में एक मित्र होना बहुत जरूरी है और वह मित्र भी होना चाहिए, सुदामा की तरह निस्वार्थ, निष्कपट, निश्चल मित्रता भगवान श्री राम और सुग्रीव की थी। वही मित्रता भगवान कृष्ण और सुदामा की थी। हम आज भी हम कहते हैं कि मित्रता हो तो कृष्ण और सुदामा जैसी। इसके बाद परीक्षित का मोक्ष की कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जिस शरीर के साथ हम पैदा हुए इसके जिम्मेदार हम नहीं है, परंतु जो चरित्र और किरदार के साथ हम विदा होंगे उसके जिम्मेदार हम स्वयं होंगे। इसलिए कितनी ही विकट स्थिति क्यों ना आ जाए हमें अपने कर्तव्य पूर्ण रूप से ईमानदारी से निर्वाह करना चाहिए। इस भाग दौड़ की जिंदगी में यह सांस कब बंद हो जाए पता नहीं। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में कितनी ही विकट परिस्थितियों आ जाएं लेकिन इंसानों को अपने कर्तव्य से नहीं भटकना चाहिए। कर्तव्यों का पालन पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए।इस अवसर पर सूरज पाण्डेय,अश्वनी पाण्डेय,विनोद पाण्डेय,प्रधान वागपथ,योगेंद्र पाण्डेय,दयाशंकर पाण्डेय,प्रदीप,रामनाथ पाण्डेय,हरिवंश दूबे,शिवानन्द दूबे सहित क्षेत्र के अनेक भक्तगण उपस्थित रहे।