जलेसर में अवैध शोरा फैक्ट्री सील, प्रशासन ने बुल्डोजर से कराई भट्ठियां ध्वस्त।

*जलेसर में अवैध शोरा फैक्ट्री सील, प्रशासन ने बुल्डोजर से कराई भट्ठियां ध्वस्त।*

एटा/जलेसर: तहसील क्षेत्र में हो रहे अवैध कामों के विरुद्ध अनेकों समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित किए गए, जिसमें सबसे पहले अवैध खनन के साथ जलेसर में सुलगती भट्ठियों का
विषय उठाया गया था, इसके कुछ दिन बाद ही गुजरात के बनासकांठा जिले में हुए धमाके ने जलेसर में इन सुलगती भट्ठियों की पोल खोल दी और तब इतनी बड़ी घटना होने के बाद स्थानीय प्रशासन कुंभकर्णीय नींद से जागा है और जिला प्रशासन ने जलेसर में संचालित अवैध शोरा फैक्ट्रियों पर छापेमारी करते हुए एक शोरा फैक्ट्री को सीज कर दिया और भट्ठियों को जेसीबी द्वारा तुड़वा दिया गया है। जिसके चलते अन्य शोरा फैक्ट्री संचालकों में हड़कंप मच गया है।

*गुजरात में धमाके के बाद डीएम ने गठित की आठ सदस्यीय टीम।*

डीएम प्रेम रंजन सिंह के निर्देशन में एडीएम प्रशासन सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम का गठन किया गया जिसमें एडीएम प्रशासन सत्य प्रकाश सिंह के साथ एएसपी राजकुमार सिंह उद्योग उपायुक्त प्रेमकांत, जिला कृषि अधिकारी, सीएफओ एवं प्रदूषण बोर्ड अलीगढ़ के अधिकारी गण तहसील जलेसर में पहुंचे। जहां एसडीएम भावना विमल एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को साथ लेकर अवैध शोरा फैक्ट्रियों पर पर छापेमार कार्यवाही की गई। छापेमार टीम ने एक अवैध शोरा फैक्ट्री को सीज करते हुए बुल्डोजर से भट्ठियां तुड़वा दी गई हैं।

*आख़िर अब तक क्यों चुप था तहसील प्रशासन..?*

गुजरात के बनासकांठा जिले में इतना बड़ा धमाका होने के बाद जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद तहसील प्रशासन हरकत में आया है। जलेसर क्षेत्र में अवैध सुलगती भट्ठियां लंबे समय से चर्चा का विषय बनी हुई थीं और समाचार पत्रों में भी समाचार प्रकाशित हो रहे थे तो ऐसा कैसे हो सकता है कि तहसील प्रशासन को इसकी जानकारी ना हो ? सूत्रों की माने तो अवैध काम करने वाले लोगों का बहुत बड़ा सिंडिकेट है और वह सिंडिकेट जिम्मेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाता है , जिसे खुली भाषा में रिश्वत कहते हैं। जिसके चलते सब अब तक बचे हुए थे, अब देखना है कि जलेसर से इन अवैध सुलगती भट्ठियों को समूल नष्ट किया जाता है या फिर भविष्य में पुनः किसी बड़ी दुर्घटना के लिए इन्हें छोड़ दिया जाता है।

*जिले में अन्य स्थानों पर भी चल रही हैं अवैध फैक्ट्रियां ?*

सूत्रों की माने तो जनपद एटा व कासगंज में काली नदी के किनारे पर कई जगह पर अवैध शोरा बनाने वाली फैक्ट्रियां संचालित हैं , जो हाल में ही बनासकांठा विस्फोट के बाद कुछ समय के लिए बंद कर दी गई हैं ।

*कौन हैं इन फैक्ट्रीयों के मालिक?*

सूत्रों की मानें तो
जनपद एटा व कासगंज में काली नदी के किनारो पर जितनी भी शोरा फैक्ट्रियां चल रही है , इन सब के मालिक मूल रूप से जलेसर क्षेत्र से ही जुड़े हुए हैं , लेकिन काली नदी के किनारों पर जहां - जहां शोरा फैक्ट्रियां लगाई हैं , वहां के स्थानीय नेताओं को इनमें अपना पार्टनर बना शामिल कर स्वयं को पूरी तरह सुरक्षित कर दनादन करोड़ों रुपए की कमाई करने में लगे हुए हैं ।

*क्या बड़े मगरमच्छों पर होगी कार्यवाही ?*

काली नदी के किनारो पर शोरा फैक्ट्रियां चलाने वाले बड़े मगरमच्छों पर प्रशासन क्या कार्यवाही करता है यह बहुत महत्वपूर्ण होगा क्योंकि अगर इन बड़े मगरमच्छों का शिकार हो जाएगा तो फिर छोटी मछलियां तो अपने आप दम तोड़ देंगी , अब देखना है कि प्रशासन इन बड़े मगरमच्छों पर कब तक शिकंजा कसने में कामयाबी हासिल करता है यह तो आगामी समय ही बताएगा।


रिपोर्ट: रमेश जादौन एटा।