बालको टाउनशिप के क्वार्टर असुरक्षित: प्रबंधन की चुप्पी पर सवाल

CITIUPDATE NEWS(संतोष सारथी)कोरबा/बालको टाउनशिप में रह रहे लोग खतरनाक परिस्थितियों में जीवन बिता रहे हैं, जबकि प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जर्जर क्वार्टरों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। छतों का प्लास्टर उखड़ रहा है, दीवारों में दरारें आ गई हैं और सरिए पूरी तरह से जंग खा चुके हैं। इसके बावजूद प्रबंधन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है, जिससे यह क्षेत्र हर समय हादसे का शिकार हो सकता है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रबंधन ने कुछ चुनिंदा व्यक्तियों को ही जर्जर मकानों से बाहर किया, जबकि अन्य लोगों को इस खतरे में छोड़ दिया गया। यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है, इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल पाया है।सुरक्षाकर्मियों पर भी उठ रहे सवालय यह पहली बार नहीं है जब बालको टाउनशिप के सुरक्षाकर्मियों पर सवाल उठे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रबंधन और सुरक्षाकर्मियों के बीच मिलीभगत के कारण मकान खाली कराने में मनमानी की जा रही है। कुछ लोगों को संरक्षण देकर वहां रखा जा रहा है, जबकि बाकी को निकाल दिया जाता है।कौन लेगा जिम्मेदारी बालको प्रबंधन की चुप्पी अब गंभीर सवाल पैदा कर रही है। क्या वे किसी बड़ी अनहोनी के बाद ही जागेंगे? क्वार्टरों की हालत जर्जर होने के बावजूद प्रबंधन कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही कार्रवाई कर रहा है, जबकि पूरे क्षेत्र में इस समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है। स्थानीय लोग मानते हैं कि अतिक्रमण और मकानों को खाली न कराने के पीछे कुछ बड़ी साठगांठ हो सकती है। सुरक्षाकर्मियों की भूमिका पर सवाल बालको के सुरक्षाकर्मी अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं, और इस बार भी उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। जब उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, तो क्यों वे इन समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं? सुरक्षाकर्मियों की मूकदर्शक भूमिका इस मामले में गंभीर सवाल खड़े करती है।