पंचगव्य विद्यापीठम्, एवं पंचगव्य डॉक्टर एसोसियेशन के तत्वाधान मे कांचीपुरम (तमिलनाडु) का बारहवां राष्ट्रीय पंचगव्य चिकित्सा महासम्मेलन वृंदावन के फोगला आश्रम में 22 से 24 नवम्बर 2024 को आयोजित

प्रेस कॉन्फ्रेंस

दिल्ली ............

पंचगव्य विद्यापीठम्, कांचीपुरम (तमिलनाडु) का बारहवां राष्ट्रीय पंचगव्य चिकित्सा महासम्मेलन वृंदावन में आयोजित किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय आयोजन में देशभर से विषय-विशेषज्ञ भाग लेंगे और अपने ज्ञान एवं अनुभव साझा करेंगे। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य गौ आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु विचार-विमर्श और रणनीतियों का विकास करना है।
यह महासम्मेलन विशेष रूप से अमर बलिदानी राजीव भाई दीक्षित की जन्म एवं पुण्यतिथि, जो काल भैरव अष्टमी के पावन अवसर पर पड़ती है, के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर उनके विचारों और योगदान को स्मरण करते हुए, गौ सेवा, पंचगव्य चिकित्सा, और स्वदेशी अर्थव्यवस्था के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर चर्चा की जाएगी।
पंचगव्य विद्यापीठम्, कांचीपुरम (तमिलनाडु) एवं पंचगव्य डॉक्टर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में वृंदावन के फोगला आश्रम में 22 से 24 नवंबर तक यह महासम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन की जानकारी देते हुए पंचगव्य विद्यापीठम् के उप कुलपति, डॉ. कमल टावरी, आईएएस (सेवानिवृत्त) एवं भूतपूर्व सचिव, भारत सरकार, ने बताया कि यह महासम्मेलन पंचगव्य चिकित्सा के वैज्ञानिक महत्व को सामने लाने और गोमाता के माध्यम से निरोगी भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष इस राष्ट्रीय चिकित्सा महासम्मेलन का आयोजन उन क्षेत्रों में किया जाता है, जो भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को सहेजे हुए हैं। इससे पूर्व यह सम्मेलन कांचीपुरम (तमिलनाडु), सांगली (महाराष्ट्र), पुष्कर (राजस्थान), द्वारका (गुजरात), कुरुक्षेत्र (हरियाणा), कालड़ी (केरल), श्री जगन्नाथपुरी (ओडिशा), भाग्यनगर (तेलंगाना), और बेंगलुरु (कर्नाटक) में आयोजित किया गया था। इस वर्ष इसका आयोजन वृंदावन में किया जा रहा है।
डॉ. कमल टावरी ने बताया कि इस सम्मेलन में गाय के विज्ञान पर शोध करने वाले विशेषज्ञ और गव्यसिद्ध डॉक्टर भाग लेंगे। हर साल इसमें 1,000 से 1,500 गव्यसिद्ध डॉक्टर प्रतिभागी होते हैं। इस बार वृंदावन में लगभग 1,200 गव्यसिद्ध डॉक्टरों के आने की संभावना है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह तीन दिवसीय आवासीय चिकित्सा महासम्मेलन प्रतिभागियों को पूरी तरह से देशी गाय के दूध, घी, और जैविक भोजन पर आधारित आहार प्रदान करता है।
महासम्मेलन के एक दिन के कार्यक्रम को चार सत्रों में विभाजित किया गया है:
1. प्रथम सत्र: ब्रह्म मुहूर्त में प्रतिदिन 5 से 7 बजे तक नवीन शोध पर आधारित व्याख्यान।
2. द्वितीय सत्र: प्रातः 9 से 11 बजे तक, जिसमें वैज्ञानिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
3. तृतीय सत्र: दोपहर 1 से 5 बजे तक, जिसमें अतिथियों द्वारा व्याख्यान और पंचगव्य विद्यापीठम् से उत्तीर्ण गव्यसिद्धों को डिग्री प्रदान की जाएगी। साथ ही 6 प्रकार के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे:
○ अ. ब. राजीव भाई दीक्षित श्रेष्ठ पंचगव्य गो सेवा सम्मान
○ अ. ब. राजीव भाई दीक्षित तकनीकी सेवा सम्मान
○ श्रेष्ठ चिकित्सालय सम्मान
○ चिकित्सा सेवा सम्मान
○ श्रेष्ठ पंचगव्य उत्पादकता सम्मान
○ श्रेष्ठ पंचगव्य प्रचारक सम्मान
(प्रत्येक पुरस्कार के अंतर्गत 5 व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा)
4. चतुर्थ सत्र: रात्रि 7 से 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम। पहले दिन पौराणिक संगीत कला, दूसरे दिन पौराणिक नृत्य कला और तीसरे दिन पौराणिक युद्ध कला की प्रस्तुति की जाएगी।
डॉ. कमल टावरी ने यह भी बताया कि पंचगव्य विद्यापीठम् वर्ष 2011 से असाध्य रोगों पर काम कर रहा है। अब तक 1 लाख से अधिक रोगियों का सफल उपचार करते हुए, गुरुकुल ने कैंसर, थैलेसीमिया, प्रमेह, और मानसिक विक्षिप्तता जैसे लाखों असाध्य रोगों पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त किया है।