चिकित्सक द्वारा जमीन पर कब्जा को लेकर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

रायबरेली।एनटीपीसी ऊंचाहार के एक चिकित्सक दम्पत्ति की भूमि कब्जा करने की लालसा इस कदर बढ़ गई है कि वह अब सैकड़ों वर्ष पुरानी बस्ती को उजाड़ने पर आमादा हो गया है।आरोप है कि एक भूखंड का गलत तथ्यों के आधार पर बैनामा कराकर गांव के दर्जनों परिवारों को बेघर किया जा रहा है।ग्रामीणों ने इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है।पूरा मामला क्षेत्र के गांव पूरे छीटू सिंह मजरे सवैया हसन का है।यह गांव लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग के किनारे स्थित है।यहां पर एनटीपीसी के चिकित्सक डा०अशोक चौधरी ने अपनी पत्नी डा० सरोज चौधरी के नाम भूमि संख्या 446 ख का बैनामा लिया है। उसके बाद गांव की आबादी की जमीन कर कब्जा किया जा रहा है।गांव के अमित कुमार,राम प्यारे,रामराज,दशरथ लाल,शारदा प्रसाद,अंकित कुमार,संदीप,महेंद्र कुमार,रोहित कुमार,नीता देवी,शैल कुमारी,गंगा विष्णु , राजेश कुमार आदि का आरोप है कि चिकित्सक भूमाफिया है।उसने सवैया हसन ,खोजनपुर , प्रतापगढ़ के आलापुर ,प्रयागराज ,लखनऊ आदि स्थानों पर बड़ी बेनामी संपत्ति बना रखी है।अब वह गांव की आबादी पर कब्जा कर रहा है,वह धमकी देता है कि एसडीएम मेरे रिश्तेदार है,तुम सबका घर और शौचालय जेसीबी से तोड़वा दूंगा।ग्रामीणों ने इस मामले में मंडलायुक्त और मुख्यमंत्री से शिकायत की है।ग्रामीणों का कहना है कि चिकित्सक ने जो भूमि खरीदी है,उसमें गलत तथ्य दिखाए गए है।उसकी सारी संपत्तियों की जांच होनी चाहिए।उक्त मामले में उप जिलाधिकारी ऊंचाहार सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा मामला हमारे संज्ञान में लाया गया है, चूंकि आरोपी पक्ष का भी जमीन एक हिस्से पर बैनामा है।इसलिए माननीय न्यायालय के हस्तक्षेप के बिना उनकी स्वयं की जमीन पर निर्माण तो नहीं रोका जा सकता, परंतु किसी भी प्रकार से आबादी या ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा भी नहीं करने दिया जाएगा, इसकी हमारे द्वारा जांच की जा रही है और मामले में न्याय किया जाएगा।