प्रमाणित फर्जी नियुक्ति पर कार्यवाही करने  छ ग सरकार का छूट रहा पसीना  ।

लंबित आदेश वापस लेने की मांग गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छ ग के प्रदेशाध्यक्ष व छ ग सँयुक्त शिक्षक महासंघ के प्रदेश संचालक कृष्णकुमार नवरंग ने छ ग सरकार पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया है, एक तरफ ,फर्जी नियुक्ति, फर्जी दिव्यांगों ,फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी करने वाले के विरुद्ध कार्यवाही करने में सांसे फूल रही हैं वहीं संरक्षण देंने कोई कमियों निकाल बचा रही हैं वहीं बस्तर संभाग में शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही करने अधिकारी शक्तिमान बनकर नियम विरुद्ध प्रमोशन देने ट्रांसफर,निलंबित करने में हिचकते नहीं ,। वर्तमान मामला कोंडागाव के कलेक्टर का हैं जहाँ श्रीमती नीता मंडावी प्रभारी अधीक्षक शास प्री मेट्रिक छात्रावास कोंडागाव में पदस्थ थी जिन पर आरोप लगाया कि उनका पति रात नौ बजे होस्टल के बगल में अधीक्षिका रूप में पाया गया है ,जिसके कारण दोनों पति पत्नी को निलंबित कर दिया गया ,। ऐसा सुनने में आया कि उक्त शिकायत किशी गुमनाम काल से मिली ,उन्होंने तत्परता से तीन घंटे के भीतर नोटिस देकर जवाब लेकर सीधे निलंबन कर दिया।, संगठन ने उक्त निलंबन पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर प्रताड़ित करने का साजिश बताया है क्योंकि शिक्षक वहां पदस्थ पत्नी व बच्चों के साथ सिर्फ खाना खाने गया था न कि रात रुकने ,हॉस्टल में सुरक्षा हेतु होमगार्ड व चपरासी ड्यूटी रत रही ,हॉस्टल के बच्चों व स्टाफ व विभाग को मालूम था की सर सिर्फ खाना खाने व पत्नि के साथ रह रहे खुद के बच्चों को देखने आते हैं रात रुकते नहीं।प्रश्न यह उठता है कि क्या महिला बाल विकास विभाग का यह नियम हैं अपने बच्चों व पत्नि को देखने जाने ,खाना खाने से मनाही कर सकता है ? ज्ञात हो हॉस्टल में नल ,बिजली मरम्मत लकड़ी ,राशन ,सब्जी की जरूरत के लिए किशी पुरूष की जरूरत पड़ सकती हैं , ज्ञात हो जब उक्त कन्या छात्रावास में जब बच्चों की तबियत अचानक खराब हुई तो संबंधित शिक्षक को रात्रि 12 बजे में प्रशासन व विभाग द्वारा फोन करके इलाज कराने हॉस्पिटल ले जाने की बात कहीं कार्य लिया तो प्रशासन व विभाग को आप्पति क्यो नहीं हुईं ? आपातकालीन सेवा में हॉस्पिटल पहचाना भी विभाग के जानकारी में उक्त पति शिक्षक ने किया है ।जब विभाग की जानकारी में हॉस्टल के सभी संसाधन में सहयोग कर खाना खाने जाने पर निलंबित किया जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत हैं और कलेक्टर ने पूर्वा ग्रह से ग्रसित होकर आदिवासी शिक्षकद्वय पर निलंबित करने का कार्यवाही किया है।उक्त शिक्षक द्वय के निलंबन में सभी नियमों को धता बता मनमानी किया है ,ज्ञात हो एस सी, एस टी, ओबीसी के विरुद्ध सीधे कार्यवाही करने के पहले नोटिस ,जवाब व पक्ष सुनने का अवसर देने सामान्य प्रशासन विभाग छ ग शासन का अदेश क्रमाक एफ/-13-3/आ प्र/2008/1-3 दिनाँक 12जून2008 को दरकिनार किया है उक्त प्रकरण में नियम को धता बता दिया है, संगठन ने बताया जगह एक घटना एक जाँच पड़ताल कर्ता एक ,दोनों सहायक शिक्षक फिर निलंबित आदेश में पत्नि का निलंबन कलेक्टर व पति का निलंबन DEO अर्थात दोनों को यह नहीं मालूम कि कार्यवाही करने का अधिकार किसके पास है ,पत्नि को 3 अगस्त को शाम 5 बजे नोटिस भेजा , जवाब का परीक्षण किये बगैर 6 बजे निलंबित कर दिया गया वहीं पति को नोटिस व जवाब भी नहीं सीधे निलंबित किया।गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छ ग उक्त प्रकरण में SDM की भूमिका को संदिग्ध व कलेक्टर पर आदिवासी समुदाय के शिक्षक पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है ,

आखिर प्रश्न यही

छ ग
मो 7898154376