गौशालाओं में मवेशियों के रखरखाव में अधिकारियों के दावों की निकली हवा 

शासन को गलत रिपोर्ट देकर किया जा रहा है गुमराह,धरातल पर हकीकत कुछ और ही कर रही बयां

गौशालाओं में पशुओं को खिलाया जा रहा सूखा भूसा, मौज उड़ा रहे ज़िम्मेदार

रायबरेली।गौशालाओं में गौवंशीय पशुओं के खान-पान की व्यवस्था में अनदेखी की जा रही है।पशुओं को सूखा हुआ भूसा उपलब्ध कराया जा रहा है।जिससे गौवंशीय पशुओं का बुरा हाल है।कई पशु बीमारी की चपेट में आने के साथ ही कमजोर होने लगे है।नगरपालिका,नगर पंचायत हो या ब्लाक के अफसर अनजान बने हुए है।आंखों पर पट्टी बांध कर मटरगश्ती रहे हैं।सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षमता से अधिक गोवंशों को गौशालाओं में आश्रय दिया गया है।शासन की मंशा अनरूप पशुओ की देखभाल की व्यवस्था भली भांति की जाए इसके बाद भी गौशालाओं में केयर टेकर उनको सूखा भूसा देते नजर आ रहे है।यही हाल ग्राम पंचायतों में बनाई गई गौशालाओं का है।यहां भी सुबह या शाम को सूखा भूसा देकर ही जिम्मेदारी पूरी की जा रही है।ब्लाक अफसर देखरेख की मानीटरिंग करते नहीं है।जिला पशु चिकित्सा अधिकारी सिर्फ कागजों में ही गौमाताओं के हाल लिखते हैं।गौशालाओं की व्यवस्था को दुरूस्त दिखाकर कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाती है।बेजुवानों की हालत बद से बदतर हो लेकिन उससे उनको कोई लेना देना नहीं होता है।मजे की बात तो यह है ज़िले के मंत्री भी गौशालाओं की देखरेख में हैं और कितने सजग इसका नज़ारा सड़कों पर आवारा घूमते गोवंश और कूड़ा खाते नजर आते गौवंश से अंदाजा लगाया जा सकता है।हालांकि यही स्थिति बनी रही और शासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो मवेशियों के हालत और भी बुरे हो जायेंगे।क्योंकि शासन की नीतियों से हटकर अधिकारियों ने काम करना शुरूकर दिया जो भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं है।