Kanpur-हाथरस वाले बाबा के हाल-ए कानपुर आश्रम.....

हाथरस कांड के बाबा का कानपुर में आश्रम के हाल

:-सरकारी जमीन पर बनाया ऐसा खौफ कि गांव के लोग निकल नहीं सकते......

कानपुर के बिधनू में कसुई गांव के किनारे बाबा साकार विश्वहारी का आश्रम स्थित है। यहां पर आश्रम के सामने बने रास्ते से ग्रामीणों को निकलने में आए दिन विवाद होता है। लेकिन बाबा के भक्तों के भय से ग्रामीण कुछ खुल कर बोलने को तैयार नहीं है। एक बुजुर्ग ने अपनी आपबीती हमे बताई। बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें आश्रम के सामने से निकलने में रोका जाता है, कहा जाता है, कि खेत से आया जाया करो। इस बात को लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा है। 14 बीघा में फैला आश्रम का सम्राज्य, तीन बीघे में बना बाकी का हो रहा निर्माण हमारी टीम बाबा साकार विश्वहारी के आश्रम हकीकत जानने कानपुर से लगभग 21 किलो मीटर की दूरी पर बिधनू थाना क्षेत्र में स्थित कसुई गांव के किनारे आश्रम पर पहुंची। यहां पर हमे आश्रम गेट पर कसूई गांव निवासी गोरेलाल मिले। उन्होंने हमे बताया कि यहां पर लगभग दस सेवादार महिलाए और पुरुष रहते हैं। जो आश्रम में रहकर पूजा पाठ करने के साथ अपनी शारीरिक सेवा देते हैं। उन्होंने बताया कि आश्रम में रोजाना सुबह 11 बजे और शाम को सात बजे आरती होती है। जिसमें सेवादार के साथ आस पास गांव से कुछ भक्त आश्रम में पहुंचते हैं। यह आश्रम घाटमपुर समेत आस पास क्षेत्र में बाबा की एक मात्र स्थल है। इसके बाद हम कसुई गांव पहुंचे यहां पर हमारी बात गांव निवासी विजय से हुई विजय ने हमें बताया कि आश्रम की देख रेख वह स्वयं करते है। कमेटी में वह संरक्षक के पद पर है। आश्रम के अध्यक्ष अनिल तोमर हैं। यहां पर आश्रम लगभग तीन बीघे में बना हुआ है। आश्रम के अंदर वीवीआईपी अवस्था है। हालांकि आश्रम के अध्यक्ष कल शाम से वापस आश्रम नहीं आए है। आश्रम की जमीन का चार साल से चल रहा विवाद
कानपुर के नौबस्ता निवासी मनीष सचान का आश्रम की जमीन का विवाद चल रहा है। आरोप है, कि मनीष सचान की जमीन पर आश्रम बनवा दिया गया। अब आश्रम के द्वारा उन्हें पीछे जमीन दी जा रही है। जिसको लेकर दोनो के बीच विवाद चल रहा है। कई बार थाना चौकी भी हो चुका है। बीते दो वर्ष पहले जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद मारपीट हुई थी, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की थी, लेकिन अभी तक हालात ज्यो के त्यों बने हुए हैं। सेवादार बोले - मन से मन का होता मिलन ईश्वर की सारण में रहते चार दिन। हम कसुई गांव से वापस लौट रहे थे, तभी रास्ते में कुछ महिलाए आश्रम में सेवा देने के लिए जाती दिखी। जब हमने उनसे सेवा देने की वजह पूछी तो हमीपुर जिले के छानी विवार गांव निवासी कुसुम अपनी बहु आरती के साथ आश्रम में सेवा देने जा रही थी। उन्होंने हमे बताया कि वह प्रभु के चरणों में दो महीने में चार दिन आश्रम में आकर सेवा करती है। इससे उनके सभी काम पूरे होते है। इनके साथ घाटमपुर के नौरंगा निवासी केशकली जा रही थी। उन्होंने बताया कि आश्रम में जाने से मन से मन का मिलन होता है। लोगों का लोगों से मिलन होता है। वहां पर चार दिन सेवा देने से उन्हे मन की शांति होती है। कसुई गांव में बाबा के आश्रम का भय व्याप्त हैं। गांव निवासी अशोक बताते है, कि आश्रम के आगे से उनके खेत को जाने के लिए रास्ता है। जब आश्रम बना तो उन्हें लगा कि अब खेत में आने जाने के लिए रास्ता साफ सुधरा हो गया। उन्हें क्या पता था, कि बाबा के लोग उन्हें वहां से निकलने नहीं देंगे। जब वह लोग अपने खेतों में जाने के लिए आश्रम के सामने से निकलते है। तो यहां पर अध्यक्ष उन्हें रोकते हैं, कई बार तो मारपीट के साथ थाना चौकी तक हो चुका है। लेकिन पुलिस आश्रम का पक्ष लेती है, जिसके चलते ग्रामीणों में डर का माहौल है, आश्रम के प्रति कोई भी कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।