जानलेवा हमला करने वाले अभियुक्तों को आज तक गिरफ्तार नहीं कर सकी महरुआ पुलिस

जानलेवा हमला करने वाले अभियुक्तों को आज तक गिरफ्तार नहीं कर सकी महरुआ पुलिस


पीड़ित बेवा बादिनी मुकदमा विद्यावती महरुआ पुलिस की शिकायत लेकर मुख्यमंत्री दरबार में जाने को है तैयार

अंबेडकरनगर
थाना महरुआ की पुलिस जानलेवा हमला करने वाले अभियुक्तों को महीनों से गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। वहीं पीड़ित बादिनी मुकदमा गिरफ्तारी के लिए अधिकारियों की चौखट नाप रही है। बावजूद इसके अभी तक पुलिस इन अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। वही मामले में वांछित अभियुक्त अजय यादव 22 वर्ष पुत्र रामप्रकाश न्यायालय में सरेन्डर करके एडवांस बेल/अंतरिम जमानत करवा रहा है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है तथा अभियुक्तों तक नहीं पहुंच सकी। घटना विगत 28 अप्रैल 2024 की है। ग्राम-अलहदादपुर मजरा- चौबे का पूरा पोस्ट- बनी थाना- दोस्तपुर तहसील कादीपुर जनपद- सुलतानपुर से थाना क्षेत्र- महरुआ जनपद- अंबेडकरनगर के गांव मंशापुर गांव में बारात आई थी। जिसमें ग्राम- अलहदादपुर के दो युवक श्रीकांत यादव 24 वर्ष पुत्र स्वर्गीय रामदौर यादव एवं गांव के ही अपने सहयोगी युवक अंकुर मिश्रा 19 वर्ष पुत्र राजेश मिश्रा अपनी बाइक से बारात में बाराती बनकर आयें थे। रात्रि में लगभग 11:00 बजे यह दोनों युवक अपनी मोटरसाइकिल से घर वापस जा रहे थे कि रास्ते में जैसे ही ग्राम- पतौना थाना-महरुआ के पास पहुंचे थे कि पहले से रास्ते में ग्राम-अहलदादपुर थाना- दोस्तपुर जनपद- सुलतानपुर के ही निवासी अभियुक्तगण अजय यादव 35 वर्ष पुत्र राम प्रकाश, अनिल यादव 32 वर्ष पुत्र स्वर्गीय अमर बहादुर यादव, सुनील यादव उम्र 29 वर्ष पुत्र रामतीरथ यादव अपने 03 अन्य अज्ञात साथियों को साथ लेकर रंजिशन घात लगाए चुपके से बैठे हुए थे। जैसे ही यह पीड़ित दोनों युवक मोटरसाइकिल से पहुंचे थे कि मोटरसाइकिल को रोकवाकर बुरी तरीके से धारदार हथियार, लोहे की राड आदि हमला करके मारा- पीटा। भद्दी-भद्दी गालियां देकर गाली जान से मारने की धमकी दिया तथा सभी एकराय होकर प्राण घातक हमला करके मरणासन्न अवस्था में बेहोशी की हालत में छोड़कर भाग गये। काफी देर बाद पीड़ित श्रीकांत यादव के सहयोगी लड़के अंकुर मिश्रा ने होश आने पर किसी तरह अपने मोबाइल से अपने परिजनों को मारने- पीटने की आधी अधूरी सूचना दिया था और फिर बेहोश हो गया था। परिजन रात में सक्रिय हुए और पहुंचकर खोजबीन किये किंतु कोई सुराग नहीं लगा। डायल 112 पर भी फोन किया गया। डायल 112 की पुलिस भी काफी परेशान हुई और खोजती रही। काफी प्रयास के बाद परिजनों को मोटरसाइकिल सड़क के किनारे गड्ढे में गिरी दिखाई पड़ी तब जाकर घटनास्थल का पता चल सका। घायलावस्था में पीड़ित चोटहिलो को अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई गई। वहां पर काफी दिनों चोटहिलो का इलाज चला तब वह जाकर स्वस्थ हुए। पीड़ित श्रीकांत यादव की बेवा माता विद्यावती ने अगले दिन दिनांक- 29/04/2024 को महरुआ थाने में तहरीर देकर एफआईआर संख्या-56/2024 धारा 147, 323, 504, 506, 308 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसकी विवेचना थाना महरुआ के एसआई रामबली यादव कर रहे हैं किंतु बादिनी मुकदमा बेवा विद्यावती ने जांच अधिकारी/ विवेचक पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि जांच अधिकारी अभियुक्तों से मिलीभगत करके उनको बचाने की ही जुगत में ही लगे हैं और मामले में लीपापोती कर रहे हैं तथा अभियुक्तों से रुपए-पैसे लेकर फाइनल रिपोर्ट लगाने के चक्कर में है। अंततः महिला ने मजबूर होकर पुलिस अधीक्षक अंबेडकरनगर को दिनांक-03/05/ 2024 को प्रार्थना पत्र देकर अभियुक्तों के गिरफ्तारी की मांग किया है तथा मामले में निष्पक्ष विवेचना करवाकर चार्ज शीट/आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करवाने की मांग किया है। किंतु बावजूद इसके विवेचक ने मुलजिमानो को गिरफ्तार करने में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई। जिसके कारण मुलजिमान घूम- घूमकर पीड़ित पक्ष को तमाम तरीके से धमकियां दे रहे हैं। बादिनी मुकदमा ने कहा कि महरुआ पुलिस इस मामले में अभियुक्तों से डील करके बड़ी रकम उनको बचाने के लिए ले लिया है।अभियुक्तों को किसी न किसी तरह से संरक्षण देते हुए गिरफ्तार नहीं कर रही हैं। जिसका परिणाम यह है कि अभी तक एक अभियुक्त अजय यादव पुत्र रामप्रकाश यादव न्यायालय में सरेन्डर करके अग्रिम जमानत करा रहा है। शेष अभियुक्तगण अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर है। अंततः थाना महरुआ पुलिस की शिथिलता एवं कारगुजारियों की शिकायत को लेकर पीड़ित बेवा महिला/बादिनी मुकदमा मजबूर होकर ईद की छुट्टी के बाद माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी व्यथा बतायेगी तथा न्याय की मांग करेंगी। महिला के मुख्यमंत्री दरबार में पेश होने पर महरुआ पुलिस के लिए जहमत खड़ी होगी। वहीं विवेचक रामबली यादव का कहना है कि अभियुक्तगण गैर जनपद के निवासी हैं। जिनका मोबाइल आफ आ रहा हैऔर लोकेशन ट्रेंस नहीं हो पा रही है। जिसके कारण अभियुक्त पकड़ में नहीं आ रहे हैं। जबकि मुलजिमानो का गांव महरुआ थाने का जनपद सीमावर्ती गांव है। अब सवाल उठता है कि मुलजिमानो को गिरफ्तार करने में पुलिस क्यों नहीं कर रही गिरफ्तारी और तरह-तरह के बहाने क्यों बना रही है और पीड़ित को न्याय नहीं दिलवा पा रही है?