आखिर एम्बुलेंस सेवा में कर्मचारियों की जब  कमी तो कैसे चल रही इमरजेंसी सेवा

आखिर एम्बुलेंस सेवा में कर्मचारियों की जब कमी तो कैसे चल रही इमरजेंसी सेवा

अम्बेडकरनगर/ अभी तक एंबुलेंस फर्जीवाड़ी की खबर प्रकाशित हो रही है प्रमुखता से इस बीच एक मामला और प्रकाश में आ गया विश्वास सूत्रों के द्वारा जानकारी मिली कि अंबेडकर नगर जिले में 108 एंबुलेंस सेवाओं में 12 और 102 एंबुलेंस सेवाओं में 45 कर्मचारियों की कमी है, दोनों एंबुलेंस सेवाओं में कोई भी रिलीवर कर्मचारी नहीं है । एम्बुलेंस कर्मचारियों के कमी होने से एंबुलेंस सेवा सुचारु रूप से संचालित भी नहीं हो पा रही है एंबुलेंस कर्मचारी की कमी की जानकारी नोडल अधिकारी डॉक्टर गौतम मिश्रा से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि यह जानकारी तो मुझे नहीं है और एक जानकारी ली गई कि जिला अस्पताल पर 108 की टोटल 04 एंबुलेंस का आवंटन है जो शुरू से जिले पर रहकर मरीजों को सेवा दे रही थी लेकिन कर्मचारियों की कमी के नाते 0082 को भिंयांव भेजा गया और एक को 0165 को जहांगीरगंज भेज दिया गया जिससे जिला पर मरीजों को असुविधा हो रही है जिम्मेदार अधिकारियों के कान तक भनक नहीं लग रही है एंबुलेंस सेवाओं में भ्रष्टाचार जिस तरीके फैला है कहीं नहीं कहीं GVKEMRI कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए कम कर्मचारियों को रखकर टारगेट पूरा करवाया जा रहा है। एक तरफ जिले में कर्मचारी भी कमी है वहीं पर प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा प्रभारी विनोद मिश्रा और अजहरुद्दीन जबरदस्ती कर्मचारियों के ऊपर टारगेट देकर फर्जी केस बढ़ाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और जो नहीं केस नहीं बढ़ा पा रहा है उसको कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाने की धमकी देते हैं आखिर यह खेल कब तक चलेगा जिले में यह कहना बड़ा मुश्किल हो रहा है जांच पर जांच चल रहे लेकिन भ्रष्टाचार का पोल खुलता नजर आ रहा है वहीं पर एंबुलेंस नोडल अधिकारी जवाब देने से कतराते फिर उन्होंने कहा इसकी पूरी जानकारी लेकर बताया जाएगा और इसको संज्ञान में लेकर कार्रवाई भी की जाएगी लेकिन अभी तक नहीं कोई जानकारी नहीं दिया गया फिलहाल देखना यह होगा कि इस पर कैसे जिम्मेदार अधिकारी लगाम लगाते हैं या फिर ऐसे प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा प्रभारी विनोद मिश्रा अजहरुद्दीन,बेलगाम होकर कर्मचारियों को टारगेट पूरा करने का दबाव बनाते रहे।

ड्यूटी 36 घंटा वेतन 24 घंटा,चूस रहे कर्मचारियों के खून

कुछ एम्बुलेंस कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एम्बुलेंस कर्मचारी की कमी का यह यह नतीजा है कर्मचारियों को लगातार ड्यूटी करनी पड़ती है कम्पनी का यह नियम है एक शिफ्ट 12 घंटे का होता है लगातार कोई कर्मचारी 24 घंटे ड्यूटी कर सकता है, यहां तक कर्मचारियों का 24 घंटे बाद भी कर्मचारियों को ड्यूटी करनी पड़ती है लेकिन हाजिरी नहीं लगती, जहां तक यही कारण है कम कर्मचारियों में ज्यादा काम कराना अमित वर्मा को कम्पनी भगवान की तरह पूजती है और कुछ नहीं कर रही है ।


कही औकात से ज्यादा ड्यूटी ही एक्सीडेंट का कारण तो नहीं

पिछले महीने प्रकाश में आया था एम्बुलेंस चालक नींद में आकर एक्सीडेंट कर और उसमें तीन मौतें हुई थी जिससे चालक को कम्पनी ने हटा दिया लेकिन औकात से ज्यादा ड्यूटी जबरदस्ती करवाना और भी जाने भी जा सकती है और इसका जिम्मेदार चालक होता है लेकिन क्या इसके जिम्मेदार प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा नहीं जो स्टाप की कमी से कर्मचारियों से ज्यादा से ज्यादा ड्यूटी ले रहे हैं