पीलीभीत के ग्राम पुरैना की जनता ने किया मतदान का बहिष्कार 

पीलीभीत ग्राम पुरैना में लोगों ने प्रशासन को दो टूक जवाब देते हुए कहा की लंबे समय से पुल की लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों ने कह दिया कि हम पीलीभीत में होने वाले मतदान का बहिष्कार करते हैं। ग्रामीणों ने इस संबंध में पैनी नजर सामाजिक संस्था की अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार को बुलाया और कहा कि लगातार प्रशासन ताकत के बल पर वोट डलवाने के लिए दबाव बना रहा है लेकिन ग्रामीणों ने कह दिया कि हम यहां बद से बत्तर जिंदगी जी रहे हैं अब चाहे जेल की सलाखों में डाल दिया जाए लेकिन वोट नहीं करेंगे संस्था अध्यक्ष ने कहा कि यह सरकार के मुंह पर तमाचा है और लोकतंत्र के लिए बेहद शर्मनाक घटना है ग्रामीण लगभग 10 सालों से वहां पुल के लिए संघर्ष कर रहे हैं देवहा नदी पर पुल की मांग कर रहे ग्रामीणों ने बताया की जिला बरेली और पीलीभीत के बीच में बह नदी के कारण आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध है क्षेत्र का विकास नहीं हो रहा है बच्चे स्कूल नहीं जा सकते हैं बियाबान स्थित है वहां पर लोगों ने 10 साल धरने प्रदर्शन कर भाजपा सरकार से लगातार गुहार की फिर भी ना प्रशासन ने सुनी जनप्रतिनिधियों ने सुनी थकहार कर तब ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया इस संबंध में चुनाव आयोग को भी पत्र देकर कई महीने पहले उन्होंने अपना फैसला सुना दिया था संस्था अध्यक्ष ने कहा हैरानी की बात हैकि ग्रामीणों में इतनी हिम्मत थी कि वह 10 साल अपनी मांग पर डटे रहे और आज यह नौबत आ गई कि उन्हें चुनाव का बहिष्कार करना पड़ा कल मतदान के दिन यह लोकतंत्र के लिए व वर्तमान सरकार के लिए एक शर्मनाक दिन होगा बड़ बोल बोलने वाली भाजपा सरकार किस मुंह से लोगों में झूठ बोलती है कि भाजपा सरकार जनता के लिए काम कर रही है आज सरकार का असली रूप इन गांवों में देखने को मिल रहा है संस्था अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों को समझाया की आप वोट कीजिए सरकार बदलिए लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि हम वोट नहीं करेंगे क्योंकि यहां पर पक्ष और विपक्ष से कोई भी प्रत्याशी वोट मांगने या जनता का सामना करने से बचने के लिए नहीं आया। यह दो चार गांव का मामला नहीं लगभग दोनों जिलों को मिलाकर सैकड़ो गांव प्रभावित है।