रोहनिया खंड विकास अधिकारी पर लगा जुर्माना

रायबरेली।जनपद के इतिहास में पहली बार किसी गजटेड अधिकारी के ऊपर जुर्माना लगाया जा रहा है।गौरतलब हो कि रोहनिया विकासखंड अधिकारी पर एक के बाद एक जुर्माना लग रहा है।विगत कुछ दिनो पूर्व इलेक्ट्रोल बाॅण्ड के मामले में एक के बाद एक सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है।वैसा ही खुलासा रोहनिया विकास खंड कार्यालय में भी हो रहा है,जिसमे कहीं न कही रोहनिया खंड विकास अधिकारी की संलिप्तता पाई जा रही है।जो अब परत दर परत भ्रष्टाचार का खेल खुलने लगा है।बताते चले की अपील सं0- एस0-05-1144/ए/2023 श्री कमलेश कुमार बनाम ज०सू०अधि०, कार्यालय उपजिलाधिकारी, तहसील-ऊँचाहार,जनपद-रायबरेली को मा० राज्य सूचना आयुक्त, द्वारा पुकार कराई गई।पत्रावली प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी उपस्थित हैं।प्रतिवादी पक्ष अनुपस्थित
हैं।अपीलार्थी द्वारा अवगत कराया गया कि प्रतिवादी पक्ष द्वारा अभी तक सूचना प्राप्त नहीं कराई
गईं हैं।आयोग की ओर से दिनांक 30-10-2023 को प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी को नोटिस
जारी की गयी।नोटिस ट्रैकिंग रिपोर्ट के अनुसार आयोग द्वारा प्रेषित नोटिस प्रतिवादी जन
सूचनाधिकारी को दिनांक-02-11-2023 को प्राप्त भी हो गई, फिर भी प्रतिवादी जनसूचनाधिकारी
उपस्थित नहीं हुए और न ही उनके द्वारा अनुपस्थिति तथा सूचना के संबंध में कोई स्थिति स्पष्ट
की गई।प्रतीत होता है कि प्रतिवादी जनसूचनाधिकारी द्वारा साशय अपीलार्थी को वांछित सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
अतः न्यायहित में एक अवसर के साथ प्रतिवादी जनसूचनाधिकारी / कार्यालय
उपजिलाधिकारी, तहसील - ऊँचाहार, जनपद- रायबरेली को अपीलार्थी के आवेदन पत्र की
प्रति संलग्न करते हुए नोटिस जारी की जाए कि वह अपीलार्थी के मूल आवेदन के क्रम में वांछित सूचनाएं अगले दो सप्ताह के अंदर अपीलार्थी के ज्ञात पते पर पंजीकृत डाक के माध्यम
से प्रेषित करें तथा प्रकरण से संबंधित अभिलेख आयोग के समक्ष नियत तिथि पर प्रस्तुत करें,
अन्यथा की स्थिति में क्यों न आपको साशय सूचना न देने का दोषी मानते हुए सूचना का
अधिकार अधिनियम, 2005 की के तहत रू0 250/-प्रतिदिन की दर से अर्थदण्ड
अधिरोपित किया जाए, जिसकी अधिकतम सीमा रु0 25,000/- (रुपये पच्चीस हजार मात्र) तक
हो सकती है।