बीएसजी के राज्य स्तरीय स्पेशल कोर्स में शामिल हुए सक्ती के 17 स्काउटर/ गाइडर

सक्ति:-भारत स्काउट्स एवं गाइडस छत्तीसगढ़ राज्यमुख्यालय द्वारा स्पेशल कोर्स 15 से 19 तक राज्य प्रशिक्षण केंद्र झांकी में आयोजित किया गया था। इस राज्य स्तरीय स्पेशल कोर्स कार्यक्रम में सक्ति कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के निर्देशानुसार, जिला शिक्षा अधिकारी बी. एल. खरे के मार्गदर्शन में सक्ति जिले के बीएसजी जिला पदाधिकारियों सहित 17 लोग शामिल होकर अनेक कोर्स को पूर्ण कर सफल वापस लौटे।

बता दें के भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के द्वारा राज्य में स्काउट गाइड गतिविधियों में वृद्धि व स्काउटर/ गाइडर को सक्रिय व योग्यतापूर्ण बनाने के उद्देश्य से पांच दिवसीय राज्य स्तरीय स्पेशल कोर्स आयोजन करती है। जिसमें राज्य के समस्त जिलों के स्काउटर/ गाइडर शामिल होते हैं। इसी तारतम्य में सक्ति जिले के 17 सक्रिय स्काउटर/ गाइडर ने इस स्पेशल कोर्स में भाग लेने रायपुर निकले थे जहां उन्होंने मैपिंग एंड स्टार गेजिंग में जयंती खम्हारी, वैष्णवी साहू, सुनीता चौहान, शिवप्रताप साहू, श्याम मनोहर द्विवेदी, देव नारायण सिदार, प्रमोद श्रीवास शामिल रहे, फर्स्ट एड कोर्स में दुर्गेश्वरी सिदार, दुर्गेश कुमार साहू, पंचराम बघेल, गौतम तिर्की, जिला संगठन आयुक्त (गाइड) रंजीता राज, केम्प फायर लीडर कोर्स में रीना लहरे, चित्रलेखा डड़सेना, शकुंतला देवांगन, भानु लाल महंत व संवर्तक सिंह राठिया ने शामिल होकर इस सब कोर्स के महत्व व इसके बारीकियों को सीखकर वापस लौटे। अब इन स्काउटर/ गाइडर ने कहा कि हम अपने कोर्स में सीखे हुए उपयोगी गतिविधियों को जिले के स्काउट / गाइड को परोसेंगे जिससे उनके अंदर अनेक क्षमता विकसित होंगे व अपने जीवन में सफल होंगे।

राज्य स्तरीय स्पेशल कोर्स में अनेक उपयोगी गतिविधियों की दी जानकारी राज्य स्तरीय स्पेशल कोर्स में शामिल सक्ति जिले के स्काउटर/ गाइडर ने कहा कि राज्य स्तरीय स्पेशल कोर्स से जीवनोपयोगी अनेक गतिविधियों व शिक्षाओं से रूबरू कराया गया जो हमारे जीवन काल में बहुत उपयोगी है साथ ही हम इस गतिविधियों को अपने जिले के स्काउट गाइड को देंगे जिसके माध्यम से वे अपने जीवन मे सक्षम बनेंगे। फर्स्ट एड कोर्स का यह महत्वपूर्ण ज्ञान स्काउट गाइड को इस योग्य बनाता है कि वे आकस्मिक दुर्घटना या बीमारी के अवसर पर, चिकित्सक के आने तक या रोगी को सुरक्षित स्थान पर ले जाने तक, उसके जीवन को बचाने, रोगनिवृत्ति में सहायक होने, या घाव की दशा और अधिक निकृष्ट होने से रोकने में उपयुक्त सहायता होता है। प्राथमिक चिकित्सा पशुओं पर भी की जा सकती है।