ग्रह मंत्री के कहने के बाद भी नही जागा प्रशासन, नही लगा पाए नशे के कारोबार पर लगाम?

कुरुद:-ग्रह मंत्री विजय शर्मा ने गृह मंत्रालय की कमान संभालने के बाद ही पुलिस अधिकारियों को बता दिया था कि वे नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते र्हैं। इस मामले में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं किये जाएगा।
दरअसल, गृह मंत्री विजय शर्मा को फीडबैक मिला है कि नशे की वजह से छत्तीसगढ़ में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। नशे पर बिना लगाम लगाए अपराधों पर काबू नहीं पाया जा सकता।
विधानसभा चुनाव के आचार संहिता लागू होते ही आबकारी अमला,पुलिस विभाग जिस प्रकार अवैध शराब, नशे के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रहे थे उससे तो सभी खुश थे देर सबेर विभाग जागा तो सही,मगर चुनाव सम्पन्न होने के बाद नगर,गांवों,हाइवे किनारे संचालित होटलों और ढाबों में शराबखोरी के मामलों को आबकारी विभाग,पुलिस विभाग द्वारा अनदेखा करने से यहां अपराधिक वारदातों में काफी इजाफा हो रहा है। होटल और ढाबा संचालकों द्वारा लोगों को बैठाकर शराब तो पिलाई ही जा रही है, कई जगह खुलेआम अवैध शराब बेची भी जा रही है। आबकारी विभाग और पुलिस कर्मियों को अवैध शराब बिक्री के संबंध में विस्तृत जानकारी होने के बाद भी इन स्थानों पर चेकिंग नहीं की जा रही है। आबकारी विभाग की उदासिनता के चलते ही शहर के आस-पास अवैध शराब के जगह-जगह अड्डे चलने लगे हैं।

आचार संहिता के समय आबकारी विभाग का अमले ने पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चला कर अवैध शराब के अडडों पर दबिश देने की बात कही थी,वही सभी शराब दुकानों में यह ताकीद भी दिया गया था कि एक व्यक्ति को 5 पाव से अधिक न दिया जाए पर सेल्समैन सुपरवाइजर की मिलीभगत से शराब कोचियों ने नया तरीका निकाल कर 5-5 पाव लेकर स्टाक इकट्ठा कर कोचियाई कर रहे है। पर आबकारी अमला द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं करने से यहा फिर अवैध शराब का धंधा तेजी से फलने-फूलने लगा है।

बताया जाता है कि कुरुद नगर के साथ आसपास के गाँवो में अवैध शराब का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। कई ढाबों में कई जगह गांजा एवं अन्य मादक पदार्थ का भी कारोबार किया जा रहा है। होटल और ढाबों में शराबखोरी पर नियंत्रण करने के लिए आबकारी विभाग ने अभी तक सूचना के पोस्टर नहीं चस्पा कराए हैं।

गोपनीय सूचना पर कार्रवाई नहीं

नगर, गाँवो,और ढाबों में शराबखोरी की घटना से परेशान कई भले लोगों द्वारा आबकारी विभाग के अधिकारियों को फोन से गोपनीय सूचना भी दी जाती है, पर ऐसी सूचना के बाद भी आबकारी अमला अपने पास पर्याप्त बल नहीं होने का रोना रोकर चुप्पी साध लेते हैं।