मिश्रित कोतवाली क्षेत्र में मांस तस्करों की पौ बारह ।

सीतापुर/ गैर जनपद हरदोई के कस्बा गोपामऊ से मोटरसाइकिल और चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंधित प्रजाति के जानवरों का मांस यहां लाकर प्रातः और सांय काल मिश्रित कोतवाली क्षेत्र के कई गांवों में बेचने का धंधा कुछ लोगों द्वारा यहां के दलालों और पुलिस की मिली भगत के चलते से काफी अरसे से संचालित किया जा रहा है जिसकी तरफ से क्षेत्र की सक्रिय पुलिस पूरी तरह से अन्जान बनकर बहती गंगा में गोते लगा रही है इलाके में सक्रिय कई हिंदूवादी संगठनों व्दारा इस ओर से साधी गई चुप्पी भी दाल में काला ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण दाल ही काली होने की तरफ इशारा कर रही है। बताते चलें प्रतिबंधित पशुओं सहित अन्य प्रजाति के जानवरों के मांस बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाए जाने को लेकर प्रदेश शासन ने अपनी धर्म परायण नीतियों के तहत प्रतिबंध लगाए जाने के बाबत कड़े दिशा निर्देश जारी कर रखे हैं वहीं गैर जनपदीय मांस तस्कर मिश्रित क्षेत्र के कुछ चर्चित दलालों के माध्यम से मिश्रित के विभिन्न हल्को में तैनात सिपाहियों और दरोगाओं से साथ गांठ करके प्रभारी निरीक्षक तक को अपने पक्ष में साधने का कार्य करते हुवे क्षेत्र के अल्पसंख्यक बाहुल्य गांवों में बेखौफ होकर धड़ल्ले से मांस बेचने का कार्य कर रहे है संचालित इस अवैध व्यवसाय के क्रम में सूत्रों के अनुसार बीते शनिवार 25 नवंबर को मिश्रित कोतवाली क्षेत्र के ग्राम आँट के पश्चिम तालाब के किनारे मीरापुर टांडा गाँव की पुलिया पर दो मोटरसाइकिलों पर अलग - अलग बोरियों में पशुओं का मांस लादकर कई गांवों क्रमशः बंजारा टांडा , आँट,जमुनापुर , सेमरा , रमुवापुर , अटवा भट्ठा आदि गांवों में बेचने के लिए आ रहे चार लोगों को पुलिस ने बीते शनिवार 25 नवंबर की शाम को रंगे हाथों में मय माल सहित दबोचा और थाने ले आई क्षेत्र में जानकारी फैलते ही दलालों ने शुरू कर दिया लेनदेन का खेल अन्ततः समूचा प्रकरण ही चढ़ गया सौदेबाजी की भेंट। मामले में कोतवाल मनीष कुमार सिंह का कहना है कि दो लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है मांस जांच में भेजने के बाद आरोपी का चालान कर दिया गया है। गौरतलब है कि पुलिस एक व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही करने की बात तो स्वीकारती है लेकिन दूसरे की बात को नकार कर छिपाना और दो लोगों के नामों को समूचा गायब कर देना कहीं सौदेबाजी का जाल तो नहीं-? मामले में मजेदार बात तो यह है कि छोटे-छोटे गुड वर्क को प्रशासन के संचालित सोशल मीडिया पुलिस ग्रुप पर डालने वाली मिश्रित पुलिस मांस तस्करों की गिरफ्तारी और दर्ज संबंधित मुकदमे की बात का गुड वर्क मीडिया ग्रुप पर पत्रकारों से साझा करना ही भूल गई? मामला संपूर्ण दाल ही काली होने की तरफ इशारा कर रहा है दूसरी तरफ पुलिस के कथनानुसार तस्कर के साथ पकड़ा गया मांस जांच में भेजा गया है लेकिन राजकीय पशु चिकित्सालय मिश्रित में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ए के द्विवेदी जांच के लिए मांस मिलना तो स्वीकार करते हैं लेकिन दर्ज एफआईआर की कॉपी मिलने की बात को नकारते हैं साथ ही उनका कहना है कि जब तक एफ आई आर की कॉपी नहीं मिलेगी तब तक मांस का सैंपल मथुरा लैबरोटरी नहीं भेजा जा सकता है गौरतलब तो यह भी है कि समाचार के लिखने तक संबंधित रिपोर्ट की कॉपी पशु चिकित्सा अधिकारी को पुलिस व्दारा उपलब्ध नहीं कराई गई थी अब तक पकड़ा गया माँस तो सड़ भी गया होगा फिर पुलिस किस चीज की करायेगी जांच? कहीं पुलिस की यह हीलाहवाली आरोपी को अभयदान देने की दिशा में कदम तो नहीं। जबकि मांस तस्कर और दलाल मूंछों पर ताव दे रहे है। जिसकी तरफ जिला पुलिस प्रमुख को गंभीरता से पहल करने की आवश्यकता है ताकि इस धर्म नगरी क्षेत्र में पशु वध और उनके मांस बिक्री पर विराम लग सके मामले में कुरेदकर कर पूछने पर पुलिस ने बताया कि अपराध संख्या 499 / 023 पर 10 किलो मांस बरामद दिखाकर दो लोगों के विरुद्ध धारा 429 आईपीसी सहित धारा 11 पशु क्रूरता अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया गया है प्रकरण में गौरतलब है कि दो मोटर साइकिलों पर सवार चार मांस तस्करों को पुलिस ने पकड़ा और दो लोगों के विरुद्ध ही मामला दर्ज किया अन्य बचे दो लोगों को साफ वरी कर दिया आखिरकार ऐसा क्यों-? जांच का गंभीर विषय उत्पन्न करता है मामला क्षेत्र में जमकर चर्चा का विषय बना हुआ है।