नामजदों में पहले किया छात्र का अपहरण, फिर आभूषण लूट, उतारा मौत के घाट

अस्पताल में भर्ती बाबा को रुपए व खाना देने गई थी छात्रा

रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी खुलेआम झूम रहे नामजद, पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तार

पंकज शाक्य

मैनपुरी- वैसे तो उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं पर हो रहे अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए कई योजना चलाकर किशोरियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए गांव - गांव, शहर- शहर, तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित कर जागरूक करने का काम कर रही है। इसके बावजूद भी महिलाओं पर अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जहां आए दिन महिलाओं एवं किशोरियों के साथ कहीं लूट तो कहीं हत्या तो कहीं बलात्कार जैसी घटना सामने आती रहती हैं।

ऐसा ही एक मामला जनपद मैनपुरी के थाना बिछवां क्षेत्र के गांव नगला हरकेसी में देखने को मिला। जहां की रहने वाली 13 वर्षीय छात्रा जानवी उर्फ शिवानी उस समय लापता हो गई थी। जब वह कस्बा कुरावली में एक निजी अस्पताल में भर्ती अपने बाबा को उपचार के लिए रुपए एवं खाना देने के लिए गई। जहां छात्रा का पहले अपहरण हो गया। इसके बाद में छात्र के आभूषण लूट लिए और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई। वहीं हत्या का रहस्य छुपाने के उद्देश्य से जनपद एटा के थाना मलावन क्षेत्र में शव को छोड़कर हत्यारोपी भाग जाने में सफल हो गए।

थाना पुलिस के पीड़िता को पुत्री के बदचलन होने का हवाला देकर थाना से भगाया

परिजनों का आरोप है कि बेटी के गायब हो जाने के की सूचना बिछवां थाना पुलिस को दी थी। लेकिन थाना पुलिस ने मृतका की मां को यह कहकर भगा दिया कि तुम्हारी पुत्री बदचलन है। किसी प्रेमी के साथ फरार हो गई होगी, दो-चार दिन बाद घर लौटकर आ जाएगी।

पुलिस करती कार्यवाही तो पुत्री के साथ साथ आरोपी भी होते सलाखों के पीछे

जिसके बाद पीडिता पुत्री की तलाश में इधर-उधर भटकती रही। जिसके बाद पीडिता को उसकी पुत्री का शव मिला। वहीं अब सोचने वाली बात यह है कि काश पुलिस ने पहले ही कार्रवाई की होती तो आज पुत्री के साथ अपहरण करने वाले भी अभियुक्त सलाखों के पीछे होते।

नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी आरोपी घूम रहे खुलेआम, पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तार

वहीं इस मामले में पीडिता द्वारा नामजदों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बावजूद भी नामजद आरोपी अभी तक खुलेआम घूम रहे हैं। लेकिन पुलिस के द्वारा अभी तक किसी भी नामजद आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। किसी चलते पीड़िता और उसका पूरा ही परिवा दहशत के माहौल में जीने को मजबूर है।

आरोपियों की गिरफ्तारी को सीएम के नाम लिखा ज्ञापन

वहीं पीड़िता के द्वारा स्थानीय पुलिस नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। जिसके बाद अब उसने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

मृतका की मां ने मीडिया को बताई हकीकत

वहीं मृतका जानवी उर्फ शिवानी की मां गुड्डी देवी उर्फ सुधा ने मीडिया को बताया कि उसकी पुत्री को मेरी ननद ने कुरावली हॉस्पिटल में भर्ती उसी बाबा को चार हजार रुपए और खाना देने के लिए भेजा था और उससे कहा था कि रुपए देकर जल्दी घर वापस आ जाना। जिसके बाद मेरी बेटी ना तो बाबा के पास पहुंची और ना ही घर पहुंची। उसका रास्ते में ही अपहरण हो गया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। उसका शव हमें जनपद एटा के थाना मलावन क्षेत्र में मिला। मेरी बेटी के 14 साल में मात्र तीन दिन कम थे और मेरी बेटी कक्षा सात की छात्रा थी। जब मेरी बेटी देर शाम तक घर नहीं लौटी और डॉक्टर का फोन आया कि आपके घर वाले ज्यादा परेशान हैं कंबल भिजवा दीजिए। तब मुझे जानकारी हुई कि मेरी बेटी अभी तक वहां नहीं पहुंची तो मैं काफी ज्यादा चिंतित हो गई। जिसके बाद मैंने चारों तरफ सूचना कर उसका पता किया। लेकिन उसका कहीं भी कोई पता नहीं चला। जिसके बाद मैं पहले थाना कुरावली गई तो वहां की पुलिस ने मुझसे कह दिया कि तुम्हारा यहां कुछ नहीं होगा और ना ही कोई सुनवाई होगी। तुम्हारा थका बिछवां है वहां जाओ। जिसके बाद मैं थाना बिछवां गई तो बिछवां थाना वालों ने कहा कि आप घर जाइए आपकी बेटी भाग गई। मुझसे सीधे एसओ साहब ने कहा दिया कि बेटी तुम्हारी भाग गई तुम घर जाओ, वह दो चार दिन में वापस आ जायेगी। इसमें परेशान होने वाली बात नहीं है। तुम्हारे गांव में तो ऐसा होता रहता है। जिसके बाद भी हम बिछवां थाना में रात के 10.30 बजे तक बैठी रही। फिर उसके बाद हम अपने घर आ गए।

फिर उसके दूसरे दिन में मैनपुरी पुलिस अधीक्षक साहब के पास गए तो वहां से मुझे आश्वासन दिया गया कि यदि ऐसी बात हुई है तो आप बिलकुल भी परेशान ना हों, तुम्हें अवश्य ही न्याय दिलाया जायेगा और आपकी बेटी को खोजा जायेगा। जिसके बाद शाम करीब 03.00 बजे मेरी बेटी के मोबाइल फोनों पर फोटो आ गए। तब मुझे उसकी मौत की सूचना मिली और मुझे जानकारी हुई। उससे पहले मैंने जिन लोगों के नाम रखे थे। वह मेरे घर के आसपास घूम रहे थे। हत्यारोपी हमारे घर के किसी भी सदस्य की हत्या कर सकते थे। उन्हें मेरी बेटी मिल गई तो उन्होंने मेरी बेटी की हत्या कर दी। मेरी बेटी के पास चार हजार रुपए, सोने की एक चैन, एक पैंडल लॉकेट और कानों में टॉप्स भी पहने हुई थी। जब उसका शव मुझे मिला तो उसके पास से मुझे कुछ भी नहीं मिला, सिर्फ काले धागा में पैंडल मिला, शायद उन लोगों ने उस पैंडल को नकली समझ छोड़ दिया होगा। मेरी बेटी ने जब उन हत्यारोपियों को पहिचान लिया होगा, इसलिए उसे मौत के घाट उतार दिया।

क्या बोले मृतका के चाचा

वहीं मृतका के चाचा ने बताया कि मैने अपनी भतीजी को कुरावली डॉक्टर के यहां रुपए और खाना देने के लिए भेजा था। वह अपने बाबा डिप्टी सिंह भर्ती थे। वहीं उन्हें खाना और रुपए देने गई थी। उसके बाद वह निजी हॉस्पिटल नहीं पहुंची और उसका कोई भी पता नहीं चला। फिर हम लोग थाना गए, पहले कुरावली गए, फिर बिछवां थाना गए। जहां पर कोई सुनवाई नहीं हुई।