बांसखेड़ा गांव में चले बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन में बाघ ने पूरे दिन वन विभाग को छकाया, नहीं मिली सफलता।

कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव बांसखेड़ा में शनिवार शाम आबादी के निकट पहुंचे बाघ को रविवार सुबह गांव वालों ने गांव के बाहर बाग की झाड़ियां में घेर लिया। इसकी सूचना मिलते ही रात में निगरानी में जुटी सामाजिक वानिकी एवं वन विभाग की टीम द्वारा पूरे बाग की चारों ओर से जाल फेसिंग कर दी गई। माधौटांडा थाना प्रभारी अचल कुमार भी मय फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गये। वन विभाग की टीम द्वारा कई घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया परंतु सफलता हाथ नहीं लगी। इस दौरान बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की गई, लेकिन बाघ द्वारा ट्रेंकुलाइज टीम के ऊपर झपटा मारने का प्रयास किया गया। ट्रेंकुलाइज टीम के डॉक्टर दक्ष द्वारा बाघ को ट्रेंकुलाइज कर बेहोश करने के लिए डॉट मारी गई थी लेकिन बाघ टीम की नजरों के सामने से ओझल हो गया। वन विभाग की रेस्क्यू टीम कई घंटे तक बाघ के देखने का इंतजार करती रही लेकिन बाघ नहीं दिखा। इस दौरान पुलिस विभाग आक्रोशित भीड़ को शांत करने में जुटा रहा। आक्रोशित भीड़ को चारों ओर लगी जाल फेसिंग से दूर रखने में भी पुलिस और वन विभाग के कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मौके पर बाघ को देखने के लिए दूर दराज के कई गांवों के लोग पहुंच गए थे। भीड़ की संख्या हजारों में थी। सभी लोग बाघ के पकड़े जाने की उम्मीद लेकर आए थे लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेवाला ने बताया कि एक बाघ बांसखेड़ा गांव के पास पहुंच गया था, अनुमति लेने के बाद उसे पकड़ने का ऑपरेशन चलाया जा रहा है जल्द ही बाघ को पकड़ने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।