कन्नौज: चकबन्दी कर्मियों को राजस्व विभाग में समायोजित करने के विरुद्ध मुख्य सचिव को ज्ञापन

कन्नौज। उत्तर प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने राज्य के मुख्य सचिव को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आशीष कुमार सिंह के माध्यम से एक ज्ञापन भेजकर चकबंदी विभाग के अतिरिक्त कार्मिको को राजस्व विभाग में प्रतिनियुक्ति अथवा सेवा स्थानांतरण के बहाने समायोजित करने के राज्य सरकार के निर्णय पर पुर्नविचार का अनुरोध किया है। तीन पृष्ठ लंबे इस ज्ञापन में, जिसकी प्रति बाद में प्रेस को भी जारी की गई है संघ ने कई महत्वपूर्ण और विचारणीय विन्दुओं की तरफ सरकार का ध्यान खींचा है। इनमे से दो कारण पहले से राजस्व कार्मिको में चर्चा और रोष का विषय रहे है।

सरकार द्वारा अतीत में कई गयी चकबंदी विभाग की समीक्षा में उन्हें अक्षम और अयोग्य करार दिया गया है। दूसरे न्यायिक कार्यो का निष्पादन करने के लिए राज्य का लोक सेवा आयोग नायब तहसीलदार का चयन करता है और विधिवत प्रशिक्षण के बाद उन्हें न्यायिक दंडाधिकारी की शक्तियां प्रदान की जाती है, तहसीलदार विशुद्ध प्रोन्नति का पद है जो नायब तहसीलदार पद पर एक निश्चित समय सीमा तक काम कर चुकने के बाद ही हासिल होता है और उसकी सेवा का मूल्यांकन करने के बाद ही राज्य सरकार उसे सहायक कलेक्टर की शक्तियां प्रदान करती है जबकि चकबंदी बिभाग के प्रायः सभी पदों पर भर्ती और प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी तरह भिन्न है। ऐसे में चकबंदी अधिकारी को तहसीलदार पद पर समायोजित किये जाने से राजस्व प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा कर ढह जाने का खतरा स्पष्ट है। साथ ही आयोग की कठिन परीक्षा पास कर आने वाले नव नियुक्त अधिकारियो में यह प्रक्रिया हीं भावना भरने के लिए काफी है।

ज्ञापन में कहा गया है कि पीईटी परीक्षा के बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से बीते दिनों की गई लेखपालो की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और 8085 लेखपाल चयनित होकर अब प्रमाणपत्र सत्यापन की स्थिति में है। उनके स्थान पर समायोजन से पदों का भरा जाना लेखपाल संवर्ग में भारी उत्तेजना और असन्तोष का कारण बना हुआ है।

ऐसे में अपर मुख्य सचिव, राजस्व की अध्यक्षता में राजस्व परिषद एवं चकबन्दी विभाग के अधिकारियों के साथ की गयी बैठक में चकबन्दी विभाग में कार्य के सापेक्ष अधिक संख्या में कार्यरत कार्मिकों जैसे कनिष्ठ सहायक, चकबन्दी लेखपाल, चकबन्दीकर्ता, सहायक चकबन्दी अधिकारी एवं चकबन्दी अधिकारी को राजस्व विभाग में उनके समतुल्य पदों पर सेवा स्थानान्तरण / प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनात किये जाने के निर्णय के फलस्वरूप विशेष सचिव राजस्व विभाग, उ०प्र० शासन के पत्र संख्या 1525 / एक-8-2023-रा0-8 ( राजस्व अनुभाग-8), दिनांक 18 अगस्त 2023 द्वारा चकबन्दी विभाग में कार्यरत कार्मिकों को राजस्व विभाग के अन्तर्गत प्रतिनियुक्ति / सेवा स्थानान्तरण के आधार पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त निर्णय लिये जाने के समय राजस्व विभाग के मूल घटक संवर्गों के संघों के पदाधिकारियों को संज्ञानित / विश्वास में लिये बगैर ही एक ऐसा निर्णय लिये जाने से, जिसके तात्कालिक व दूरगामी प्रभाव राजस्व विभाग व राजस्व विभाग के मूल संवर्गों के हित में नहीं है, न केवल उ0प्र0 राजस्व (प्रशासनिक अधिकारी संघ, बल्कि अन्य घटक संघों में भी प्रबल आकोश व असंतोष की भावना बलवती हो रही है उ0प्र0 राजस्व (प्रशासनिक अधिकारी संघ द्वारा शासन द्वारा लिये गये निर्णय के सम्बन्ध में शासन को अवगत कराते हुये अपनी असहमति जतायी जा रही है।

सहायक चकबन्दी अधिकारी, जिनकी भर्ती का स्रोत अधीनस्थ सेवा चयन आयोग है तथा जिनको राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली एवं संबंधित अधिनियम / नियमावली आदि का सामान्य प्रशिक्षण भी प्राप्त नहीं है, को नायब तहसीलदार के पद पर प्रतिनियुक्ति प्रदान किया जाना किसी प्रकार से उचित नहीं है। यह भी उल्लेखनीय है कि नायब तहसीलदार एक राजपत्रित अधिकारी है तथा सहायक चकबन्दी अधिकारी राजपत्रित अधिकारी नहीं है। ऐसे में सहायक चकबन्दी अधिकारी को नायब तहसीलदार के समकक्ष मानकर प्रतिनियुक्ति प्रदान करना किसी प्रकार से उचित नहीं है। शासन द्वारा उक्त निर्णय लिये जाते समय राजस्व विभाग व चकबन्दी विभाग की सेवा शर्तों व दोनों विभागों के कार्यों में व्यापक विभिन्नता को ध्यान में रखे बगैर शीघ्रता में निर्णय लिया गया है. जिससे शासन की शासकीय कार्यों को पूरा करने की मंशा बिल्कुल भी पूरी होती नहीं दिख रही, बल्कि चकबंदी विभाग द्वारा राजस्व विभाग के सुसंगत नियमों व नियमावली आदि का ज्ञान न होने के कारण नवीन समस्याएँ खड़ी होना अवश्यम्भावी है, जो शासन व जनसामान्य दोनों के ही हित में नहीं है।

यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आहूत बैठक दिनांक 02.08. 2023, जिसके क्रम में कार्यालय ज्ञाप संख्या 718/ एक-14-2023, दिनांक 17.08.2023 निर्गत किया गया है, में यह तथ्य स्वयं शासन द्वारा स्वीकार किया गया है कि चकबन्दी विभाग द्वारा कार्य निष्पादन में अत्यधिक विलम्ब किया जाता है और चकबन्दी के अधीन होने वाली कार्यवाहियों से ग्रामवासियों को अवगत नहीं कराया जाता है, जिससे चकबन्दी विभाग के अधिकारियों / कर्मचारियों की अयोग्यता / अकर्मण्यता स्वतः सिद्ध है। इसके उपरान्त भी चकबन्दी विभाग के कार्मिकों को राजस्व विभाग में प्रतिनियुक्ति / सेवा स्थानान्तरण प्रदान किये जाने से उनकी कार्यशैली में सुधार तो नहीं होगा, वरन् शासन की स्वयं की स्वीकारोक्ति के अनुसार कार्य निष्पादन में अक्षम ऐसे कार्मिकों को प्रोत्साहन व अकर्मण्यता का पुरुस्कार ही मिलेगा, जो किसी भी दशा में शासन व राजस्व विभाग की छवि तथा राजस्व विभाग के कार्मिकों के मनोबल के लिये श्रेयस्कर नहीं होगा।

विगत वर्ष 2022 तक विभिन्न पदों के रिक्त होने के कारण प्रतिनियुक्ति के औचित्यपूर्ण होने पर विचार किया जाना विधिसम्मत हो भी सकता था, परन्तु वर्तमान परिस्थितियों में जबकि तहसीलदार, नायब तहसीलदार व राजस्व निरीक्षक के अधिकांश पद विगत व वर्तमान वर्ष में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से बाद होने वाली पदोन्नतियों के कारण भरे हुये है. ऐसी स्थिति में तहसीलदार नायब तहसीलदार व राजस्व निरीक्षक के पद पर चकबन्दी विभाग के कार्मिकों को प्रतिनियुक्ति प्रदान किये जाने का कोई औचित्य नहीं है। लेखपाल संवर्ग की रिक्तियों के सापेक्ष उ०प्र० अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से 8085 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्व से ही विचाराधीन है तथा मात्र अभिलेख परीक्षण अवशेष है। ऐसी स्थिति में जबकि नियमित रूप से सीधी भर्ती के माध्यम से रिक्त पदों के भरे जाने की प्रक्रिया पहले से ही विचाराधीन है ऐसी दशा में चकबन्दी विभाग से चकबन्दी लेखपालों को प्रतिनियुक्ति प्रदान किया जाना भी किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।

ज्ञापन में मुख्य सचिव से अनुरोध किया गया है कि संवर्ग में व्याप्त असंतोष की भावना को ध्यान में रखते हुये शीघ्रता में लिये गये इस निर्णय को जनसामान्य व संवर्गीय हितों को दृष्टिगत रखते हुये वापस लेने की कृपा करें, ताकि राजस्व जैसे उत्कृष्ट और विश्वसनीय विभाग की विश्वसनीयता एवं राजस्व विभाग के कार्मिकों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव म पढ़े और एक अकर्मण्य विभाग के कार्मिकों के प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त होने से राजस्व विभाग को होने वाले दूरगामी नुकसान से बचा जा सके। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालो में तहसीलदार रामशंकर, नवनीता राय, अभिनव वर्मा, अवनीश कुमार और हिमाशु प्रभाकर एवम शिखर मिश्रा समेत सभी चार नायब तहसीलदार शामिल है।