उर्स के दौरान शहर के लोग दरगाह पर हाजिरी के लिए बाहर से आने वालों महमानो को दे पहले मौका:सज्जादानशीन।*

*कपड़े की चादर के लम्बे-लम्बे जुलूस न लाए अकीदतमंद:सज्जादानशीन।*

बरेली,उर्से रज़वी शुरू होने में मात्र 4 दिन बचे है। ज़िला प्रशासन व दरगाह रज़ाकार दिन रात तैयारियों में जुटे है। उर्सस्थल इस्लामिया मैदान में ज़ायरीन के बैठने के लिए पड़ाल,स्टेज,वुजूखाना,शौचालय,नल, किताबों के स्टाल,अस्थायी चिकित्सालय,रेलवे पूछताछ,नगर निगम,पूछताछ कार्यालय शिविर आदि तैयार करने के लिए काम चल रहा है। नगर निगम व टीटीएस रजाकार व्यवस्था बनाने में जुटे है। इसी कड़ी में आज दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज श्री दीपक चौधरी से उर्स में अतिरिक्त बसे चलाने व बेहतर व्यवस्था कराने के लिए मांग पत्र सौपा। जिसमें परवेज़ नूरी,नासिर कुरैशी,हाजी जावेद खान,शाहिद नूरी, औरंगजेब नूरी,ताहिर अल्वी शामिल रहे।मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी(अहसन मियां) ने सभी अकीदतमंदों से अपील जारी करते हुए कहा कि शहरवासी उर्स के तीनों दिन बाहर आने जायरीन के लिए दरगाह पर हाजिरी का पहले मौका दे ताकि बाहर से आने वाले अकीदतमंद आराम से हाजिरी कर सके। शहर के लोग 10 सितंबर से पहले या फिर 12 सितंबर के बाद दरगाह पर हाजिरी दे ले। वही दरगाह पर कपड़ो की चादरों की जगह फूल पेश कर अपनी अकीदत का इज़हार पेश करे। कपड़ो की चादरों पर खर्च होने वाली रकम से किसी गरीब की बेटी का सिर ढक दे,किसी गरीब को तन (शरीर) ढकने के लिए कपड़े दिला दे। या फिर किसी छात्र को किताबें और बीमारो को दवाइयां मुहैया करा दे। कपड़े की चादरों के लंबे-लंबे जुलूस की जगह फूलों की टोकरी दरगाह पर पेश करे। क्योंकि कपड़े की चादरों के जुलूस लंबे हो जाते है इससे बेवजह का शहर में जाम लगता है उर्स की व्यवस्था में राशिद अली खान,परवेज नूरी,औरंगजेब नूरी,ताहिर अल्वी,शाहिद नूरी,अजमल नूरी,मंजूर रज़ा,शान रज़ा,मुजाहिद रज़ा,आलेनबी,तारिक सईद,काशिफ रज़ा,इशरत नूरी,सय्यद माजिद,साजिद नूरी,सुहैल रज़ा,जोहिब रज़ा,अरबाज रज़ा,आदिल रज़ा,गजाली रज़ा,युनुस गद्दी,रईस रज़ा,अब्दुल वाजिद नूरी,मोहसिन रज़ा,सय्यद एजाज़,इरशाद रज़ा,रोमान रज़ा,ग्याज रज़ा,जुनैद चिश्ती,अशमीर रज़ा,आदि