नगर पंचायत सभापति ने क्लर्क पर लगाया आर्थिक अनिमितता का आरोप , जांच की मांग

पथरिया - नगर पंचायत कांग्रेस पार्षद एवं लोकनिर्माण विभाग के सभापति संपत जायसवाल ने अपने ही खण्ड के क्लर्क विकास शर्मा के ऊपर गम्भीर आर्थिक अनियमितता के आरोप लगाते हुए मुंगेली कलेक्टर राहुल देव से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है । इस सम्बंध में सभापति द्वारा लिखित शिकायत अपने लेटर पेड से करते हुए बताया है कि उक्त क्लर्क, कैशियर द्वारा छोटे छोटे कामों को खुद दूसरे के नाम से कर के अनाप शनाप राशि आहरित कर लेता है फर्जी बिल लगाकर भी हर माह हजारों की चपत शासन को लगा रहा है।आरोप में निविदा प्रक्रिया को प्रभावित करने का जिक्र करते हुए कहा गया हैं किठेकेदारों को लाभ पहुचने के लिये नियमों को तोड़ मरोड़ करता है ।इस तरह के अनेक आरोप लगाते हुए कलेक्टर से जांच की मांग की है ।इस सम्बंध में संपत जायसवाल ने बताया कि नगर पंचायत में जनप्रतिनिधियों की कोई सुनता नहीं है और क्लर्क,कैशियर द्वारा जमकर भ्रस्टाचार किया जा रहा है।आलम यह है कि ठेकेदार पूरा नगर पंचायत चला रहे है और मनमानी करते हुए घटिया निर्माण कार्य कर पूरा राशि प्राप्त कर रहे जबकि नगर में खराब निर्माण कार्य को लेकर जनता में आक्रोश है मुझे भी नागरिको ने शिकायत कर कहा कि नगर में चल रहे करोड़ो के काम गुणवत्ताहीन है मैन नागरिकों की आवाज कलेक्टर तक पहुचाने का काम किया है अब प्रशासन जांच करेगी तो आफिस के बाबू और ठेकेदारों की मिलीभगत सामने आ जायेगी।इसी तरह कांग्रेस की एक और पार्षद अनिता मरकाम ने भी गुणवत्ताहीन कार्य और आर्थिक अनियमितता की बात करते हुए सभी आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।श्रीमती मरकाम ने कहा कि ठेकेदारों को किस आधार पर खुली छूट दी गई है इसकी जांच चाहिए ।अधिक दर पर देते है निविदा -सभापति ने अपने लिखित शिकायत में बताया है कि नगर में जो ऑफलाइन निविदा आमंत्रित किया जाता है उसे विकास शर्मा द्वारा मैनेज करते हुए सेटिंग जमाकर निविदा ठेकेदारों के मर्जी के दर पर प्रदान किया जा रहा है इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि नगर में जितने भी ऑफलाइन निविदा निकाली जाती है वह ऊंचे दर पर जाता है जबकि अन्य निकायों में निविदा नीचे दर पर जाता है इस तरह निविदा प्रक्रिया को प्रभावित करते हुए शासन को लाखों की आर्थिक क्षति पहुचाई जा रही है।सभापति ने सभी निविदा की जांच की मांग की है।बिना काम भुगतान नगर पंचायत में बिना काम के फर्जी बिल लगाकर भुगतान करने का भी आरोप लगाते हुए हर माह कटने वाले चेक की जांच की मांग की गई है ।