*गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर का जीवन अनुकरणीय-प्रोफेसर तिवारी।* *गुरुदेव की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने की जवाबदारी नई पीढ़ी की-अक्षय नामदेव।*

गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर का जीवन अनुकरणीय-प्रोफेसर तिवारी

वरिष्ठ नागरिक संघ पेंड्रा द्वारा पंडित माधव राव सप्रे प्रेस क्लब भवन में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की 83वीं पुण्यतिथि मनाई गई

गुरुदेव की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने की जवाबदारी नई पीढ़ी की-अक्षय नामदेव

पेंड्रा। वरिष्ठ नागरिक संघ पेंड्रा द्वारा नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी की 83वीं पुण्यतिथि 7 अगस्त को पंडित माधव राव सप्रे प्रेस क्लब पेंड्रा में परिचर्चा का आयोजन किया जिसमें गुरुदेव की सेनेटोरियम एवं इस नर्मदा अंचल में जुड़ी स्मृतियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

वरिष्ठ नागरिक संघ पेंड्रा के के संयोजक सरदार इकबाल सिंह एवं उनकी समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉक्टर अतुल तिवारी प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय ने कहा कि गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे तथा उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान थी। उनका व्यक्तित्व असाधारण था तथा उन्होंने मानवतावाद का पोषण किया। वे महान साहित्यकार शिक्षाविद कवि थे। डॉ तिवारी ने कहां कि हम गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के बताए रास्तों पर चलकर भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित साहित्यकार एवं शिक्षक अक्षय नामदेव ने गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की सेनेटोरियम से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि वर्ष उन्नीस सौ दो में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर अपनी पत्नी मृणालिनी देवी टैगोर का इलाज कराने सैनिटोरियम आए थे तथा यहां उन्होंने लगभग साढे 6 महीने गुजारे और इलाज के दौरान ही गुरुदेव की पत्नी का देहावसान सैनिटोरियम में हो गया था। यह उनके जीवन से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है जिसका जिक्र उन्होंने अपनी कविता फांकी में भी किया है।

वर्ष 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार सतीश जायसवाल की अध्यक्षता में पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजन पीठ की स्थापना की गई थी जिसने सैनिटोरियम आकर गुरुदेव की स्मृतियां को संग्रहित कर उन्हें चिरस्थाई बनाने छत्तीसगढ़ शासन को रिपोर्ट सोप था। उसे समिति में रविंद्र संगीत के विशेषज्ञ जानकारी बिलासपुर के स्वर्गीय मनीष दत्त की भी आए थे तथा गौरेला पेंड्रा के सभी पत्रकार उपस्थित थे। श्री नामदेव ने बताया कि गुरुदेव की स्मृतियों को सहेजने का काम काफी पहले से चल रहा है जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने और आगे बढ़ाया है जिसकी कड़ी के रूप में सेनेटोरियम परिसर में बीते 7 मई को रविंद्र नाथ टैगोर जी की प्रतिमा का अनावरण विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत द्वारा किया गया है।

उन्होंने पत्रकारों शोध छात्रों का आह्वान किया कि वे गुरुदेव के सेनेटोरियम में रहने के दौरान लिखी गई कविताओं का संग्रहण कर गुरुदेव की स्मृतियों को स्थाई बनाने का प्रयास करें। गुरुदेव की पुण्यतिथि के अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश जालान ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए वरिष्ठ नागरिक समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सरकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को पेंड्रा सेंचुरियन से जुड़ी यादों को सहेजने के लिए कृत संकल्पित है। कार्यक्रम में कविता थदलानी समाज सेविका ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम की शुरुआत गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा रचित राष्ट्रगान जन गण मन से हुई कथा गुरुदेव को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर

कार्यक्रम के संयोजक सरदार इकबाल सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त कर गुरुदेव को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक मनी शंकर तिवारी कीर्ति कुमार कश्यप श्रीमती प्रिया द्विवेदी, मीनू पांडेय , कविता थदलानी, भंवर सिंह पोर्ते महाविद्यालय जन भागीदारी विकास समिति के अध्यक्ष जयदत तिवारी शंकर पटेल सहित प्रेस क्लब परिवार के सदस्य अखिलेश नामदेव शरद अग्रवाल राकेश शर्मा उज्जवल तिवारी आकाश पवार मुकेश विश्वकर्मा सहित नागरिक गण उपस्थित थे।