चिनिया नहर लाइनिंग निर्माण से आ रही दरारें अधिकारी मौन?कार्य प्रगति पर काम की जानकारी पूछने पर पत्रकार को बाईट नहीं है अधिकार अधिकारियों ने कहा


रामानुजनगंजजल संसाधन विभाग के द्वारा चिनिया जलाशय 2करोड़ 14लाख 29 हजार रुपए की लागत से 400 मीटर लंबाई के नहर का मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है जिससे आने वाले समय में किसानों के खेतों में कृर्षि कार्य के लिए सभी किसानो के खेतो तक पानी पहुंचाने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा नहर का विस्तार करते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा है इसका तरह नहर की दिवाले में दरारे आ जाने पर लाभ किसानों को नहीं मिल पाएगा और अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंचा पाएगा इसका फायदा किसानों को नहीं मिलेगा क्योंकि यह काम जिस निर्माण करने करने वाले कंस्ट्रक्शन एजेंसी ठेकेदार को काम करने को मिला है वह काम ना करके ( दूसरे ठेकेदार को काम करने को दे दिया है)पेटी कांटेक्ट पर दे दिया है जिसके कारण नहर का घटिया दिवाल एवं कमजोर निर्माण कार्य से नहर में दरारें ?आने लगी शासन को ऐसे कांट्रेक्टर ठेकेदारों को पंजीकृत कर इन पर वैधानिक कार्यवाही करनी चाहिए और इन पर ब्लैक लिस्ट में नाम शामिल कर कार्यवाही करनी चाहिए क्योंकि खुद काम ना कर सके तो ऐसे लोगों को काम देते हैं जो घटिया किस्म का काम करते हैं और जो ठेकेदार सहित विभाग की भी बदनामी जनता के बीच होता हैं निर्माण स्थल से साइन बोर्ड गायब। राज्य शासन का नियम है कि किसी भी प्रकार के शासकीय निर्माण कार्य में मानक सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य है जिससे आम नागरिकों का निर्माण कार्य की लागत मापदंड संबंधित ठेकेदार में फर्म का संबंधित अधिकारियों का नाम नंबर पता चले लेकिन ठेकेदार के द्वारा शाइन बोर्ड नही लगाया गया है ।जिससे स्थानीय और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि निर्माण पर प्रश्न चिन्ह लगाया है?।

पूरे नहर निर्माण कार्य में कहीं भी ठेकेदार के द्वारा वाइब्रेटर का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है जिससे कार्य में सवाल उठना लाजिमी है ज्ञात हो कि वाइब्रेटर चलाने से सीमेंट गिट्टी मटेरियल की खपत ज्यादा होती है जिसको बचाने के लिए ठेकेदार घटिया तरीके से निर्माण कार्य किया जा रहा है ।जब पत्रकारों के दौरा घूमते घूमते कार स्थल पर पहुंचकर देखा गया तो नहर की दीवारे पर दरारें पड़ी हैउसके बाद पत्रकारों के द्वारा अधिकारियों से आकर पूछा गया तो अधिकारियों के द्वारा बोला गया कि पत्रकारों काम के बारे में जानकारी लेने का अधिकार नहीं है दूसरे और मीडिया जगत को चौथा स्तंभ कहा कि कहा गया है कहीं पर अन्याय को रुक कर गलत काम को उजागर किया जाता हैं ताकी सही कार्य हो सकें परंतुअधिकारियों के द्वारा पत्रकार के तुम्हारा सही जानकारी पूछने पर अधिकारी के द्वारा बोला जाता है कि आपका पूछने का अधिकार नहीं है तो इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के कलेक्टर महोदय या मंत्री जी कार्य का जायजा लें तो ठीक है

आपको बताते चलें कि यह वही जल संसाधन विभाग संभाग क्रमांक 2 है जहां पूर्व EE अन्य अधिकारी कर्मचारियों पर सस्पेंड करने की कार्यवाही के साथ-साथ उन पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है इन्होंने निर्माण और अन्य मामलों में भारी अनियमितता बरती थी इस पर मजबूरन शासन को करवाई करना पड़ा और पुलिस में अपराध पंजीबद्ध करना पड़ा