मैं चाहे ये करु, मैं चाहे वो करु मेरी मर्जी

जिला अस्पताल में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर सीएमएस का प्रतिबंध

मैनपुरी के मीडियाकर्मियों में रोष व्याप्त, कमियां छुपाने को लिया गया फैसला

पंकज शाक्य

मैनपुरी। मैं चाहे ये करु, मैं चाहे वो करु, मैं चाहे यहां जाऊ, मैं चाहे वहां जाऊ, गोरे का मैं कहू काला, साले को मैं बोलू जीजा, नदी को मैं बोलू नाला, चाबी बिना खोलू ताला, मेरे बारे में कुछ कहना नहीं, चुपचाप बैठे रहो बोलना नहीं, मेरे बारे में कुछ कहना नहीं, चाहे पी जाऊ में चाय कॉफी डाल के दही, मेरी मर्जी बर्ष 1995 में आई गोविंदा अभिनीत फिल्म गैम्बलर के गाने की पक्तियां मैनपुरी के जिला अस्पताल के सीएमएस पर बिल्कुल सटीक बैठती नजर आ रहीं है। सीएमएस ने मनमानी करते हुए जिला अस्पताल में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। लेकिन सीएमएस ने यह आदेश थोड़े घुमाकर जारी किया है। सीएमएस ने अपने विभागीय कर्मचारियों के पास खड़ा होने पर कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। अगर सीएमएस के इस तुगलकी फरमान का गौर किया जाएं तो साफ इशारा करता हुआ नजर आ रहा है कि जिला अस्पताल में मीडियाकर्मियों के साथ कोई भी स्वास्थ्यकर्मी नजर आया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञात हो कि मैनपुरी के समाचार पत्रों द्वारा जिला अस्पताल की खामियां उजागर करने के बाद खबरों से तिलमिलाएं सीएमएस ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए जिला अस्पताल में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड के गेट के पास नोटिस चस्पा कर दिया गया है। नोटिस में कहा गया किसी भी स्वास्थ्य कर्मी के साथ मीडियाकर्मी बैठा मिलने पर उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मीडियाकर्मियों के जिला अस्पताल जाने पर बाहर गेट पर बैठे सुरक्षा कर्मियों ने बाहर ही रोक लिया। जिससे मीडियों में रोष व्याप्त है।

आपको बता दें कि जिला अस्पताल में जब से सीएमएस के पद पर डॉ. मदनलाल की तैनाती हुई है। तब से जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलवाला हैं, कभी अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सको का न मिलना, कभी अस्पताल की इमरजेंसी में लाइट चले जाने पर टॉर्च की रोशनी में मरीजों का उपचार करना, तो कभी मरीज को भर्ती कराने पर मरीज की मृत्यु हो जाने पर उसके शव को पोस्टमार्टम गृह तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर उपलब्ध न कराना साहित अन्य समस्याओं को लेकर मैनपुरी की मीडिया द्वारा अपने समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित की जा रहीं थी, अब सीएमएस जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था तो सुधार नहीं पाए और उल्टा अपनी कमियों को छुपाने के लिए तुगलकी फरमान जारी करके अस्पताल में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी।

बीते बुधवार को सीएमएस द्वारा इमरजेंसी के सूचना वोर्ड पर नोटिस चस्पा करके यह सूचना सार्वजनिक कर दी गई, नोटिस में सीएमएस ने कहा हैं कि जिला अस्पताल का कोई भी स्वास्थ्यकर्मी मीडियाकर्मी को अपने पास बिठाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। अगर स्वास्थ्यकर्मी ने किसी अधिकरी के बिना अनुमति के मीडियाकर्मी को कोई भी सूचना उपलब्ध कराना या फिर कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराने पर उस पर कार्रवाई की जाएगी।

मीडियाकर्मियों को गेट पर रोका

बीते बुधवार को जब मैनपुरी के मीडियाकर्मी जिला अस्पताल में सूचना लेने के लिए पहुंचे तो वहां पर तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा मीडियाकर्मियों को गेट पर रोक दिया गया।

सीएमएस नहीं संभाल पा रहे स्वास्थ्य व्यवस्थाएं

ज्ञात हो कि बारिश के मौसम के कारण हो रहे बदलाव के बाद मौसम में हो रहे रहे बदलाव के बाद उपजी बीमारियों के बाद जिला अस्पताल में मरीजों की अपार भीड़ पहुंच रहीं है। लेकिन जिला अस्पताल में डॉक्टरों के न बैठने सहित अन्य दिक्कतों के कारण स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल बेहाल है।

बिजली जाने पर नहीं चलाया जाता जनरेटर

जिला अस्पताल में बिजली जाने पर जनरेटर नहीं चलाया जाता है केवल टॉर्च की रोशनी में मरीज का इलाज किया जाता है। जिला अस्पताल में सीएमएस की अनदेखी के कारण गंदगी फैली रहती है।

शासन को झूठी रिपोर्ट भेज किया गुमराह

कुरावली क्षेत्र के गांव खिरनाकलां निवासी व्यक्ति की बच्ची की तबियत खराब होने पर उसने भर्ती कराया था, जिला अस्पताल में बच्ची की मौत होने के बाद बच्ची के शव को पोस्टमार्टम गृह ले जाने के लिए पिता को जिला अस्पताल से स्ट्रेचर भी उपलब्ध नहीं कराया गया था, यह मामला डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के संज्ञान में आने के बाद उन्होने 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी तो मैनपुरी स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासन को झूठी रिपोर्ट भेज दी गई, रिपोर्ट में कहा गया था कि बच्ची की मौत सैफई में हुई, अगर सैफई में मौत हुई तो पिता को बेटी का शव कैसे मिल गया, क्यों जिस मरीज की मौत सैफई में होती हैं, उसका पोस्टमार्टम जनपद इटावा के पोस्टमार्टम गृह पर होता है।

क्या बोले डिप्टी सीएम/स्वास्थ्य मत्री

मैनपुरी जिला अस्पताल में सीएमएस द्वारा मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर रोक लगाने का मामला संज्ञान में नहीं है। इस मामले में जानकारी की जाएगी, जांच कराई जाएगी, अगर सीएमएस दोषी पाए जाते हैं, तो सीएमएस पर कार्रवाई कराई जाएगी।- बृजेश पाठक, डिप्टी सीएम, स्वास्थ्य मंत्री यूपी सरकार लखनऊ।

क्या बोले सीएमएस जिला अस्पताल

मेरे द्वारा मीडियाकर्मियों के जिला अस्पताल में प्रवेश पर रोक नहीं लगाई गई हैं, कुछ फर्जी पत्रकार जिला अस्पताल में आकर रौब जमाकर काम कराते थें, उनके प्रवेश पर रोक लगाई गई, पत्रकार तो कभी जिला अस्पताल में आ सकते है।- डॉ. मदनलाल, सीएमएस, जिला अस्पताल मैनपुरी।