स्वीडन में पवित्र कुरआन शरीफ जलाने पर मुस्लिम समाज में रोष

बरेली स्वीडन में पवित्र कुरआन शरीफ जलाने की घटना से मुस्लिम समाज में रोष है। उन्होंने इस घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि इस घटना ने न केवल मुसलमानों का बल्कि विश्व के सभी शांति प्रिय लोगों को गहरा आघात पहुंचाया है। विश्व के सभी शांति प्रिय लोग गहरे सदमे और गुस्से में हैं। कुरआन शरीफ अन्तर्राष्ट्रीय शांति, सद्भावना, एकता, भाईचारा तथा बिना भेदभाव सभी के लिए न्याय का प्रतीक है।इस प्रकार की घटना से आतंकवाद तथा उग्रवाद को बढ़ावा मिलने की संभावना है। हालांकि कुरआन हर प्रकार के आतंकवाद तथा उग्रवाद की सख्ती से निंदा करता है और शांति व सौहार्द का पैग़ाम है। इस मामले को लेकर आज सज्जादानशीन खानकाहे आलिया नियाजिया ख्वाजा कुतुब मोहम्मद मेंहदी निज़ामी नियाजी के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को प्रेषित किया गया। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि स्वीडन सरकार को मुसलमानों तथा विश्व के सभी शांति प्रिय लोगों की भावनाओं को आहत पहुंचाना बंद किया जाए। इस प्रकार की घटना की वह कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। भविष्य में इस तरह की घिनौनी घटनायें न हों। किसी भी धर्म की पवित्र किताब के साथ ऐसा करना बहुत निंदनीय है। विश्व में शांति और सद्भावना बनी रहे।