रात सगे संबंधियों के यहां,दिन अधिकारियों की चौखट पर 

रायबरेली।शासन के बड़े बड़े दावे ऊंचाहार तहसील में फेल हो जाते है।सड़को को अतिक्रमण मुक्त कराना,अवैध कब्जेदारों के कब्जे पर शासन प्रशासन का बुल्डोजर चलवा रहा है,वहीं वृद्ध विधवा का एडी का पसीना माथे पर आ गया,किंतु ऊंचाहार प्रशासन को तनिक भी रास नहीं आया।जबकि वृद्ध महिला का रात किसी सगे संबंधियों के यहां तो दिन अधिकारियों की चौखट पर गुजर रही है।लेकिन न्याय नहीं मिला,जबकि पीड़ित वृद्ध महिला ने अपनी शिकायती पत्र नीचे से लेकर उच्चाधिकारी तक एक एक को अपनी फरियाद सुना चुकी है, किंतु न्याय नहीं मिला,मिला तो सिर्फ आश्वासन कि देख लेंगे।वही विपक्षिगण का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है।आखिर ऐसी कौन सी वजह है जो वृद्ध पीड़िता की बातो को अनसुना किया जा रहा है।उसे न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।टीवी और अखबार की सुर्खियों में शासन को रामराज्य बताया जा रहा है।तो क्या ऐसा ही रामराज्य था?जहां पीड़ित को उसका अपना हक ही न मिले,सोचने पर विवश करता है।गौरतलब हो की वृद्ध पीड़ित महिला श्यामा देवी निवासी सलीम पुर भैरव मजरे अकोढिया ने शिकायती पत्र भेजने के बाद उच्च अधिकारी डीएम,पुलिस अधीक्षक और उप जिलाधिकारी को अपनी व्यथा सुनाई की महोदय विपक्षी गण द्वारा मेरी संपत्ति पर जबरन निर्माण कर रहे है।लेकिन वृद्ध पीड़िता को सिर्फ आश्वासन ही मिला,न्याय नहीं मिला,जबकि पीड़िता और उसकी बेटी का पूर्व में न्याय मांगने पर शांति भंग में चालान किया जा चुका है।लेकिन पीड़िता को उसका अपना हक नही मिला।प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता के पति को पांच भाइयों ने अपने हिस्से का हक पीड़िता के पति को दिया था।पीड़िता के पति का एक वर्ष पूर्व देहांत हो गया,पीड़िता अपने पांच बेटियों और दो बच्चो के साथ उस संपति पर गुजर बसर कर रही थी,किंतु पीड़िता का देवर संपत्ति के लालच में बड़े भाई की पत्नी को दर दर भटकने पर मजबूर कर दिया है।पीड़िता की समस्या निराकरण नहीं हुआ बल्कि धमकियां जरूर मिली की अपना समान हटा लो।

वहीं इस बाबत उपजिलाधिकारी से बात हुई तो बताया की जांच कराने का आश्वासन दिया है।