सरेनी कोतवाली क्षेत्र में जोरों पर है अवैध कटान वह खनन रोजाना प्रतिबंधित पेड़ों की होती है कटान जिम्मेदार अधिकारी जानकर भी है अनजान 

​​​​​​​(Gunga patrkar)

सरेनी(रायबरेली)!कहीं कुछ नहीं हो रहा है,क्षेत्र में सब कंट्रोल में है का राग अलापने वाली सरेनी पुलिस के संरक्षण में इलाके में प्रतिबंधित हरे पेड़ों की कटान,अवैध खनन,कोयले की भट्ठियां व आरा मशीनों का संचालन बेखौफ जारी है!जिम्मेदार कमीशन लेकर अनजान बने हुए हैं,जबकि इस काम में लगे लकड़ी माफिया व खनन माफिया अपने काम को उद्योग धंधों की तरह चला रहे हैं!स्थानीय पुलिस व कुछ कथित नेताओं की सह पर चलाए जा रहे इन धंधों पर ब्रेक लगाने की हिम्मत तक कोई नहीं जुटा पा रहा है!कटरी क्षेत्र व उन्नाव बॉर्डर से जुड़े गांवों में यह धंधे जोरों पर हैं!लगभग एक दर्जन जे.सी.बी. जहां अवैध खनन में लगी रहती हैं वहीं इतनी ही आरा मशीनों में हरे पेड़ों के गट्ठर के गट्ठर पड़े रहते हैं!जानकारी के मुताबिक क्षेत्र के मुरारमऊ में मां काली मंदिर के पास व महाराजपुर और उसुरू के बीच के सूनसान इलाके में लकड़ियां इकट्ठी करके ट्रकों में लोड कर बाहर भेजी जा रही हैं! जिम्मेदार प्रति ट्राली,प्रति डंपर व प्रति ट्रक के हिसाब से कमीशन लेकर आंखे मूंदे हुए हैं!सरेनी,बेनीमाधवगंज, रौतापुर, भोजपुर , रानीखेड़ा,छिवलहा,पूरेपांडेय सहित कई स्थानों पर चल रहे दर्जनों आरा मशीनों के इर्द गिर्द जमा हरे पेड़ों के गट्ठर चीख-चीखकर अवैध कटान की गवाही दे रहे हैं!इन आरा मशीनों के संचालकों में कोई खुद को किसानों का रहनुमा बताता है तो कोई किसी न किसी पार्टी या नेता का खासमखास बताने से नहीं थकता!बताते हैं कि पुलिस व कथित नेताओं के सिर पर हाथ रखा होने से वे अपने अवैध धंधे को बेखौफ अंजाम देने में जुटे हैं!उसुरु,लखइखेड़ा व उन्नाव जनपद की सीमा के आसपास के गांवों में कोयले की भट्ठियां भी धधक रही हैं,इनमें कुछ के लाइसेंस हैं जब कि कुछ बिना लाइसेंस संचालित हैं!लोगों का कहना है कि अगर अचानक छापा मार कर उच्चस्तरीय टीम क्षेत्र में उद्योग धंधों की तरह संचालित इन अवैध धंधों की निष्पक्ष जांच करे तो दूध का दूध व पानी का पानी अलग हो सकता है! लेकिन हर बार सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है हर बार ट्विटर पर ट्विट होता है आवश्यक कार्यवाही का आदेश आता है लेकिन कार्यवाही के मामले में सरेनी कोतवाली पुलिस जीरो ही रहती है