सतयुग कालीन अति पुनीत आरण्य क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया महाशिवरात्रि का पावन पर्व, यहां के प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही देखी गई शिव भक्तों की भारी भीड़।

सीतापुर/आशुतोष शिव का प्रमुख पर्व महाशिवरात्रि आज जहां देश ही नहीं विदेशों में भी भक्तों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया वही यह पावन पर्व यहां के जनपद सहित सतयुग कालीन अति पुनीत आरण्य क्षेत्र मिश्रित नैमिषारण्य के विभिन्न मठ मंदिरों में भी बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज जनपद सहित मिश्रित नैमिषारण्य के सतयुग त्रेता व द्वापरकालीन प्रमुख शिव मंदिरों में सुबह से ही शिव भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ दिखाई दे रही थी भक्त अपने आराध्य देवाधिदेव महादेव को प्रसन्न करने के लिए दूध दही जल विल्वपत्र भांग धतूरा अबीर गुलाल पुष्प आदि पवित्र वस्तुओं से उनका पूजन अर्चन एवं अभिषेक करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे ।महाशिवरात्रि को लेकर शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव सभी जीव जंतुओं के स्वामी एवं अधिनायक हैं इस दिन भगवान शिव को लेकर कुछ मान्यताएं भी प्रचलित हैं ऐसा माना जाता है कि इस विशेष दिन ही ब्रह्मा के रूद्र रूप में मध्यरात्रि को भगवान शंकर का अवतरण हुआ था वही यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य कर अपना तीसरा नेत्र खोला था और ब्रह्मांड को इस नेत्र की ज्वाला से समाप्त किया था इसके अलावा महाशिवरात्रि को शिव के विवाह से भी जोड़ा जाता है इसी पावन दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था महाशिवरात्रि भगवान शिव जी की आराधना का पावन पर्व है इस दिन भक्त शिव जी के दर्शन पूजन कर अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं। वैसे तो शिवजी को ही इस सतयुग कालीन अति पुनीत आरण्य क्षेत्र का रक्षक भी माना जाता है इस क्षेत्र के प्रमुख शिव मंदिरों में आदि गंगा गोमती तट पर स्थित 68 उप ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री देवदेवेश्वर महादेव उन्हीं के समीप में भगवान रामचंद्र द्वारा स्थापित श्री रामेश्वर महादेव के साथ ही गोमती तट पर ही स्थित अरबापुर गांव के समीप शिवजी का चमत्कारिक स्थान श्री रुदावर्त महादेव , दशाश्वमेध घाट पर विराजमान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र जी के ही द्वारा स्थापित श्री सिद्धेश्वर महादेव, चक्रतीर्थ पर विराजमान श्री भूतेश्वर महादेव, काशी कुंड पर स्थित काशीनाथ महादेव के साथ ही मां ललिता देवी गर्भ ग्रह में विराजमान श्री ललितेश्वर महादेव के साथ ही मिश्रित के दधीच कुंड तीर्थ पर महर्षि दधीचि द्वारा स्थापित श्री दक्षिणेश्वर महादेव, उत्तरेश्वर महादेव, दधीचेश्वर महादेव मां शीतला देवी विद्यालय के समीप पाताल भुवनेश्वर महादेव के साथ ही सीताकुंड तीर्थ पर स्थित दिन में तीन बार रंग बदलने वाले माता सीता द्वारा स्थापित श्री नर्मदेश्वर महादेव के साथ ही शेषनाथ महादेव, तहसील प्रांगण में विराजमान श्री चमत्कारेश्वर नाथ महादेव नामक स्थानों पर आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवभक्त अपने आराध्य देवाधिदेव महादेव को प्रसन्न करने के लिए पूजन अर्चन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते रहे इसी तरह जनपद के द्वापरयुग में भगवान श्री कृष्ण द्वारा स्थापित श्री श्याम नाथ महादेव व अति प्राचीन जंगली नाथ महादेव में भी शिव भक्तों की भीड़ भारी संख्या में दिखाई दी इन स्थानों पर भी शिव भक्तों द्वारा शिवजी का पूजन अर्चन के साथ ही कीर्तन भजन करते हुए शिवजी को प्रसन्न करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते रहे।