हरी साग सब्जियों और फलों पर लगाया जाने वाला रसायन भी कैंसर का है कारण- डॉ. एसी श्रीवास्तव



लखीमपुर खीरी। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर जिला पुरुष चिकित्सालय ओयल के सभागार में एनसीडी सेल के अंतर्गत एक प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता 200 शैय्या चिकित्सालय एमसीएच विंग के अधीक्षक डॉ. एसी श्रीवास्तव ने की। इस दौरान विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा उपस्थित जनसमूह को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूक किया गया। इस प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम में नवीन सीएचओ जिला चिकित्सालय के कर्मचारी और आमजन शामिल हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिरियाट्रिक फिजिशियन डॉ. शेखर बाजपेई ने बताया कि वृद्धजनों में भी कैंसर होने की संभावनाएं रहती हैं। खासकर प्रोस्टेट कैंसर अगर समय पर इलाज हो जाए तो इससे बचा जा सकता है। इसी के साथ उन्होंने कैंसर के प्रकार और उसकी भयानक परिणामों के विषय में जानकारी दी।
इस दौरान मनोचिकित्सक डॉ. अखिलेश शुक्ला ने बताया कि सही परीक्षण और सटीक सलाह मिलने से उसका बेहतर उपचार हो सकता है। मरीज से सहानुभूति रखते हुए उसे कैंसर जैसी बीमारी या उसके लक्षण से अवगत कराना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि कैंसर जैसी बीमारी से न सिर्फ मरीज की बल्कि उनके परिवार की भी मनो स्थित पर बेहद प्रभाव पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि उनके साथ मानवता पूर्ण व्यवहार किया जाए।
इस दौरान ईएनटी सर्जन डॉ. रामकिशन ने बताया कि नाक, कान, गले में गले का कैंसर तंबाकू, पान, मसाला, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट आदि के सेवन से सामने आता है। हालांकि गले की सभी समस्याएं कैंसर नहीं होती हैं। ऐसे में इसके लक्षणों को सही से पहचान कर ही मरीज को विशेषज्ञ डॉ. के पास भेजना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हमारे इस्तेमाल में आने वाली पॉलिथीन कैंसर का प्रमुख कारण बनी है और कई बार गले में भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में हमें इसका इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।

अपने संबोधन में सीएमएस 200 शैय्या चिकित्सालय एमसीएच विंग डॉ एसी श्रीवास्तव ने बताया कि कैंसर से बचाव के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए मरीजों से सहानुभूति रखनी चाहिए। आज जो रासायनिक दवाओं का प्रयोग हरी साग सब्जियों और फलों में किया जा रहा है। उसकी वजह से भी कैंसर के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में फलों सब्जियों को अच्छे से धूल कर खाना चाहिए। खासकर फलों को अगर संभव हो तो छीलकर ही खाएं। उन्होंने इस दौरान विश्व कैंसर दिवस की थीम के बारे में बताते हुए बताया कि 1933 में यह पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर 4 फरवरी को जिनेवा स्विट्जरलैंड में बनाया गया था। वहीं इस बार क्लोज दी केयर गैप की थीम पर यह कार्यक्रम मनाया जा रहा है। इस दौरान जिला एनसीडी सेल से एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ राकेश गुप्ता व एफएलसी विजय वर्मा उपस्थित रहे। इस दौरान सीएचओ से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की गई। जिसमें सीएचओ रिचा सिंह और सीएचओ सत्येंद्र कुमार को सही जवाब देने पर पुरस्कृत किया गया। इस दौरान नैदानिक मनोवैज्ञानिक स्तुति कक्कड़, मैटर्न रजनी मसीह, काउंसलर देवनंदन श्रीवास्तव, स्टाफ नर्स नीरज कुमार, साइकेट्रिक सोशल वर्कर अतुल पांडे, बसंत गुप्ता, डीईओ सरिता, हेल्प डेस्क से मैनेजर सुरेंद्र कश्यप और पंकज शुक्ला ने कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक किया।