ग्राम चिखोड़ा के ग्रामीणों ने लिया ऐतिहासिक फैसला,शादी,नुक्ता एवं मांगलिक कार्यक्रम में विदेशी शराब एवं डीजे बंद

ग्राम चिखोड़ा के ग्रामीणों ने लिया ऐतिहासिक फैसला,शादी,नुक्ता एवं मांगलिक कार्यक्रम में विदेशी शराब एवं डीजे बंद

देजा के रूप में एक लाख नब्बे हजार की राशि ली जाती थीं उसे अब मात्र 52 हजार रुपये निर्धारिय की गई

अलीराजपुर:- फूलमाला क्षेत्र के ग्राम चिखोड़ा में रविवार को गांव के पढ़े-लिखे युवाओं की पहल पर परम्परागत रूढ़िजन्य ग्राम सभा का आयोजन किया गया।बैठक गांव डाहला,गांव पटेल,वारती,
पूजरा,कोतवाल की उपस्थिति में ग्रामीणों की सर्वसहमति से पारित निर्णय अनुसार गाँव को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए गांव के पटेल फूलसिंह तोमर ने ऐतिहासिक फैसले पर मोहर लगाई।

गांव में देजा के रूप में ली जाने वाली एक लाख नब्बे हजार रुपये के स्थान पर अब मात्र 52 हजार रुपये एवं छः जोड़ी दुल्हन के कपड़े लेना निर्धारित किया गया है। शादी,नुक्ता/ बारमा एवं मांगलिक कार्यक्रम में विदेशी शराब पूर्णतः प्रतिबंधित की गई है।संस्कृति,रीति रिवाज एवं रूढ़िगत परम्परा अनुसार कार्यक्रम में महुआ की देशी दारू और ताड़ी का प्रचलन रहेगा। निर्णय के विपरीत अगर कोई गांव के व्यक्ति के द्वारा अपने रिश्तेदारों या गांव के लोगों को विदेशी दारू पिलाते हुए पाया जाता है तो गांव के मुखिया पटेल और गांव के सभी सदस्यों के द्वारा निर्धारित दंड 20 हजार रुपये का जुर्माना से दण्डित किया जायेगा।

शादी के कार्यक्रम में देशी परम्परागत वाद्य यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए मांदल,ढोलकिये फेफरिये ही बजाये जाएंगे। कोई भी रिश्तेदार डीजे ओर ढोकलिये लेकर नही आएंगे।ममेरे के रूप में मामा को केवल एक ही जोड़ी ढोलकिये या डीजे लाना निर्धारित किया गया है।अपनी बहन,भुआ कुवासनी और रिश्तेदारों को डीजे लाना पूर्णतः बंद कर दिया गया है।

शादी के कार्यक्रम में घर सजावट के लिए तोरण-रंगीन पेपर जमाई,जीजा एवं भुआ से मंगवाये जाते थे,उसे पूर्णतः बंद कर दिया गया है, शादी में घर मालिक को ही सजावट की उपयोगी सामग्री क्रय कर लाना तय किया गया है।

गांव के आदिवासी गरीब धानुक परिवार में देजा के रूप में सिर्फ चालीस हजार रुपए और 6 जोड़ी दुल्हन के कपड़े लेना तय किया गया है।गाँव में अगर कोई व्यक्ति आदिवासी रीति - रिवाज,संस्कृति एवं परम्परा छोड़ कर अन्य धर्म परिवर्तन करता हैं तो उसे आदिवासीयत पहचन के मूल दस्तावेज गाँव की निगरानी समिति को जमा कर गाँव से बाहर कर दिया जाएगा। लिये गये निर्णय को सख्ती से पालन कराने के लिए गांव में पढ़े-लिखे युवाओं की निगरानी समिति बनाई गई है।

उक्त निर्णय ग्राम सभा में ग्रामवासियों और गांव के पटेल और अन्य सभी सदस्यों की सर्वसहमति से निर्णय लिया गया है।ग्राम सभा एवं ग्रामवासियों के निर्णय के खिलाफ़ अगर कोई व्यक्ति कार्य करता है तो ग्राम सभा द्वारा दण्डित कर अनुशासनात्मक कारवाई की जाएगी। जिससे समस्त जिम्मेदारी सम्बंधित व्यक्ति की स्वयं की निर्धारित की गई है।उक्त जानकारी ग्राम चिखोड़ा के निवासी एवं आकास संगठन के जिला अध्यक्ष भंगुसिंह तोमर ने दी हैं।