राजस्थान/चितौड़गढ़ - आबकारी विभाग ने किसानों से मांगा चार साल का डोडाचूरा ,कैंप लगाकर नष्ट करेंगे

चित्तौड़गढ़। किसानों को डोडा चूरा का मूल्य नहीं मिलने के कारण करीब 4 साल से वे डोडा चूरा नष्ट नहीं करवा रहे हैं। गत 4 साल से डोडा चूरा नष्टीकरण को लेकर कहीं कोई कवायद नहीं हो पाई है। आबकारी महकमा कई बार इसके लिए प्रयास कर चुका है। वही अब पुनः आबकारी विभाग ने अभियान शुरू किया है। शुक्रवार से ही डोडा चूरा नष्ट करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके लिए 4 विभागों की कमेटी भी बनाई है। राशमी तहसील के खारखंदा से इसकी शुरुवात होने जा रही है। आबकारी विभाग ने डोडा चूरा नष्ट करने को लेकर कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। विभाग ने चार सालों में कुल मिला कर 2988 गांवों के 69,274 किसानों से डोडा चूरा लेकर कैंप में आने की अपील की। समिति द्वारा किसानों से मात्रा का हिसाब लेकर डोडा चूरा ले मौके पर ही जलाया जाएगा। यह काम शुक्रवार से शुरू होगा जो 4 मई तक चलेगा। प्रति दिन ओसत 15 गांवों के किसानों को बुलाया जाएगा।

जानकारी में सामने आया कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में डोडा चूरा की बुवाई होती है। साथ ही डोडा चूरा की तस्करी भी बहुत होती है। सरकार ने डोडा चूरा तस्करी पर लगाम लगाने के हर साल इन्हें नष्ट करने का आदेश निकाला जाता है। लेकिन किसानों द्वारा हमेशा विरोध किया जाता है। पूर्व में सरकार डोडा ठेकेदार के माध्यम से डोडा चूरा खरीदती थी लेकिन नशा मुक्ति को लेकर पॉलिसी में बदलाव किया और खरीद भी बंद कर दी। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होने लगा। किसानों ने नष्ट करने के लिए डोडा चूरा नहीं दिया और विरोध कर दिया। ऐसे में करीब चार साल से डोडा चूरा सरकार और आबकारी महकमा नष्ट नहीं करवा पाया। ऐसे में हर साल आबकारी विभाग कार्यक्रम जारी करता है लेकिन किसान डोडा चूरा नष्ट नहीं करवाते। वहीं दूसरी तरफ डोडा चूरा की तस्करी भी बढ़ी है।

20 जनवरी से 4 मई तक होगी नष्ट की कार्रवाई

चितौड़गढ़ जिला आबकारी अधिकारी मुकेश देवपुरा ने बताया कि सरकार ने 31 मार्च 2016 से चीरे हुए डोडा पोस्त का मानव उपयोग और इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा चुकी है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से गठित समिति के पर्यवेक्षण में डोडा चूरा नष्ट करने की कार्रवाई की जाएगी। चित्तौडग़ढ़ क्षेत्र के किसानों का डोडा चूरा 20 जनवरी से 4 मई तक नष्ट करने की कार्रवाई होगी। यहां गंगरार तहसील के खारखंदा में शुक्रवार को पहला कैंप आयोजित होगा। किसानों से पिछले चार सालों का डोडा चूरा मांगा गया है।

चार साल में जुड़ कर करीब 70 हजार किसानों का डोडा चूरा

आबकारी अधिकारी मुकेश देवपुरा ने बताया कि 2018-19 के 664 गांवों के 16244 किसानों, 2019-20 के 779 गांव के 17409 किसानों, 2020-21 के 784 गांव के 18303 किसानों, 2021-22 के 761 गांव के 17318 किसानों के पास रखे डोडा चूरा मंगवाया गया है। यानी कुल 2988 गांवों के 69274 किसानों के पास डोडा चूरा नष्टीकरण के लिए रखा हुआ है। उन्होंने बताया कि हर दिन करीब 15 गांवों के किसानों को बुलाया जाएगा।

यह है समिति का स्वरूप, आबकारी थानों का जाप्ता भी लगेगा

सरकार की ओर से डोडा चूरा नष्टीकरण समिति में संबंधित क्षेत्र के जिला प्रशासन की ओर से जिला कलक्टर, पुलिस विभाग की ओर से पुलिस अधीक्षक, आबाकारी विभाग, नारकोटिक्स विभाग के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। नष्टीकरण कार्यक्रम बाधित होने या कोई गांव रह जाने पर कार्यक्रम के बाद समिति की ओर से तय नए कार्यक्रम के अनुसार डोडा चूरा नष्टीकरण की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जहां कैंप होगा उस क्षेत्र का आबकारी थाना भी मौजूद रहेगा।

किसानों की होगी यह जिम्मेदारी

डोडा चूरा नष्टीकरण को लेकर अफीम काश्तकारों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। समिति के पर्यवेक्षण में सम्पूर्ण डोडा चूरा नष्ट करना किसान की स्वयं की जिम्मेदारी मानी गई है। चीरे हुए डोडा पोस्त के संबंध में काश्तकार की ओर से आबकारी विभाग को निर्धारित प्रारूप में सूचना नहीं देने या समिति के पर्यवेक्षण में डोडाचूरा नष्ट नहीं करवाने पर संबंधित किसान के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पट्टा निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। डोडाचूरा नष्ट करने की तिथि के बाद अगर काश्तकार के पास डोडाचूरा पाया जाता है तो इसके लिए काश्तकार स्वयं जिम्मेदार होगा।

ऐसा हो तो एसीबी को दें सूचना

किसानों से यह भी कहा गयाहै कि किसी प्रकार के सरकारी, गैर सरकारी, काश्तकार, अफीम मुखिया (लम्बरदार), एजेन्ट आदि किसी भी व्यक्ति द्वारा यदि निस्तारण समिति के सदस्यों के नाम से या समिति के सदस्यों द्वारा डोडाचूरा निस्तारण के लिए अवांछित राशि की मांग की जाती है तो किसान इसकी सूचना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दें।