सुरेश तोमर गुनाहों की सीढ़ी चढ़ राजनीति के सहारे कटरी में हुकूमत

बरेली रामगंगा की कटरी का तिहरा हत्याकांड सुरेश पाल सिंह तोमर प्रधान की आपराधिक और राजनैतिक तस्वीर सामने ले आया है। जो तस्वीर सार्वजनिक हुई है, उससे अपराधी के खूंखार होने के साथ राजनैतिक कनेक्शन और पुलिस प्रशासनिक अफसरों से साठगांठ की बात भी सामने आई है। 37 साल में उसके ऊपर 34 मुकदमे लिखे गए। गैंगस्टर-गुंडा एक्ट में कई बार निरुद्ध होने के साथ जुलाई 2022 में हिस्ट्रीशीट भी खुली है और वह खुले आम गुंडई कर घूम रहा था 1985 में एक व्यक्ति की हत्या करके सुरेश ने अपराध की दुनिया में कदम रखा उसके बाद वह अपराध की एक-एक सीढ़ी चढ़ता गया। अपने गुनाहों को छिपाने के लिए उसने गांव की सरकार का हिस्सा बनकर राजनीति शुरू की थी। रायपुर हंस गांव का प्रधान बनने के बाद ग्रामीणों पर हुकूमत चलाने के लिए उसने 2007 में गोविंदपुर गांव से पत्नी अनीता को प्रधानी लड़ाई। पत्नी के सहारे राजनीति कर कटरी की जमीनों पर कब्जा कर ग्रामीणों को डराता रहा। कोई भी ग्रामीण इसके विरुद्ध कुछ नहीं कह सकता था। इसके बाद उसने रायपुर हंस से बेटे सुरजीत को भी प्रधान बनाया था। रामगंगा के किनारे कटरी क्षेत्र में जमीनों पर कब्जा किया लेकिन कोई ग्रामीण सामने नहीं आया। इसके बाद सुरेश ने 2012 में महान दल के टिकट से बिल्सी से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। उसे करीब 24 हजार वोट मिले थे। इसके बाद वह सपा में शामिल हो गया। उसकी सपा नेता बनवारी सिंह से बेहद नजदीकियां रहीं। लोकसभा चुनाव में सुरेश पाल ने धर्मेंद्र यादव काे चुनाव लड़ाया था। इसके बाद वह पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के नजदीक आ गया था। अपनी कार पर सपा का स्टीकर लगाकर चलता था।मुख्य आरोपी सुरेश का आपराधिक इतिहास सुरेश पाल सिंह तोमर ने 1985 में एक व्यक्ति की हत्या की। उस घटना में उसके विरुद्ध फरीदपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद सुरेश ने अपराध करने का ऐसा क्रम शुरू किया कि फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। सुरेश के विरुद्ध फरीदपुर कोतवाली में ही 1985 से 1986 तक पांच मुकदमे हत्या के प्रयास व सरकारी कार्यों में बाधा डालने के आरोप में दर्ज हुए। 1985 में ही दातागंज थाना बदायूं में डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ। 1987 में फरीदपुर पुलिस ने गैंगस्टर में निरुद्ध किया। इसी थाने में 1987 से 2021तक अवैध असलहा रखने, लूट डकैती,धमकी देने, चोरी, गुंडा अधिनियम धोधाधड़ी,गैंगस्टर समेत अन्य 21मुकदमे लिखे गए इज्जतनगर थाने में 2019 में रंगदारी वसूलने व धमकी देने में मुकदमा दर्ज हुआ। कैंट थाने में 2018 में हत्या करने की धमकी देकर रंगदारी वसूलने व मारपीट व धमकी के आरोप में मुकदमे लिखे गए थे। 2007 में घर में घुसकर हमला करने व धमकी देने के आरोप में फरीदपुर थाने में फिर मुकदमा लिखा गया। 2017 में उझानी थाना बदायूं में विद्युत चोरी में एफआईआर हुई। इसके साथ 24 जुलाई 2022 को 110 जी सी आर पी सी के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की गई। जिसमें सुरेश पाल सिंह तोमर की हिस्ट्रीशीट खुली। उसे एचएस नंबर 67ए मिला