राजस्थान/चितौड़गढ़ - लोन दिलाने के नाम पर उड़ाए 41 लाख रुपए, धोखाधड़ी करने वाला अभियुक्त इन्दौर से गिरफ्तार

चित्तौड़गढ़। जिले के निंबाहेडा उपखंड क्षेत्र में फेसबुक फ्रेंड बनकर दो युवकों का श्रमिक कार्ड बनाकर लोन दिलाने के नाम पर उनसे 41 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। कोतवाली निम्बाहेड़ा थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार लिया है। पीड़ित 8 हजार रुपये जमा कर 90 हजार का लाभ कमाने के लालच में एक के बाद एक फोन पे ऐप के जरिए 41 लाख रुपए ट्रांजेक्शन करते गए और ठगी के शिकार हो गए।

पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि 3 जनवरी को कोतवाली निम्बाहेड़ा थाने पर चरलिया ब्राहमणान निवासी सुरेश चन्द्र पुत्र ऊंकार लाल कुमावत ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका और उसके दोस्त भरत कुमावत पुत्र बाबुलाल निवासी निम्बाहेडा की फेसबुक पर करीब 11 माह पूर्व एमपी के धार जिले के अर्जुन कुमावत जो कि हाल में इंदौर में रहता है, से दोस्ती हुई। बताया कि फेसबुक पर दोस्ती बढ़ी तो अर्जुन कुमावत से मोबाइल पर बातचीत होने लगी। कुछ समय बाद अर्जुन उन लोगों से मिलने के लिए निम्बाहेड़ा भी आया। अर्जुन कुमावत ने उनसे कहा कि कुमावत समाज के होने के नाते वह हम लोगों का श्रमिक कार्ड बनावाकर श्रमिक लोन दिलवा देगा। इसमें एक व्यक्ति का 8000 रुपये खर्च आएगा। उसके बाद प्रत्येक व्यक्ति के खाते में 90,000 रुपये आ जाएंगे

जगदीश धाकड़ ने बताया कि इस पर उन दोनों ने अर्जुन को फोन पे के जरिए रुपये ट्रांसफर कर दिए। जगदीश धाकड़ ने बताया कि अर्जुन कुमावत को उन्होंने और उनके दोस्त भरत ने फोन पे से अब तक करीब 41 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए हैं। बताया कि अर्जुन फोन पर यही कहता कि यदि उसके खाते में 10, 20, 50 हजार रुपये और नहीं डलवाए तो सारे पैसे डूब जाएंगे। उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे तो उसने देने से इनकार कर दिया। थाना कोतवाली निम्बाहेड़ा में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। पुलिस टीम ने 8 जनवरी को आरोपी अर्जुन कुमावत को इन्दौर से डिटेन किया है। आरोपी अर्जुन कुमावत से मामले में पूछताछ की गई। आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर उसे धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर न्यायालय मे पेश कर पुलिस रिमाण्ड पर लिया जाएगा। आरोपी अर्जुन कुमावत से ठगी के रुपये बरामदगी के लिए जांच चल रही है।

कार्यवाही में विशेष भूमिका :

1.सूरज कुमार सहायक उप निरीक्षक

2.जगदीश धाकड कानि.

3.सुमित कुमार कानि.

4.अमित कानि. नं.