जिले के मदकूद्वीप को हिंदुओं के लिए संरक्षित स्मारक घोषित करने की मांग

मुंगेली / जिले के मदकूद्वीप को हिंदुओं के लिए संरक्षित स्मारक घोषित करने की मांग को लेकर धर्म जागरण मंच मुंगेली ने राज्यपाल के नाम अतिरिक्त कलेक्टर तीर्थराज अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा।
धर्म जागरण मंच के जिला संयोजक संजय सिंह व परमानंद कछवाहा ने बताया कि जिले के पूर्वी सीमा में शिवनाथ नदी के बीच प्राचीन द्वीप है जिसे मंडूक ऋषि के नाम से मदकूद्वीप कहा जाता है। इस द्वीप पर मंडूक उपनिषद की रचना मंडूक ऋषि ने की थी। यहाँ भगवान शंकर जी का स्वयंभू शिवलिंग है साथ ही नृत्य गणेश की मूर्ति है अन्य हिन्दू देवी देवताओं के मंदिर हैं। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित करने के लिए दावा आपत्ति मंगाई गई है। राजपत्र में प्रकाशित सूचना में मदकूद्वीप में ओपन चर्च अथवा गिरजाघर का भी उल्लेख किया गया है। इस पर धर्म जागरण मंच ने दावा किया कि मदकूद्वीप प्राचीन समय से ही हिंदुओं के आस्था का केंद्र रहा है। पुरातत्व सर्वेक्षण में इसके अनेक प्रमाण मिले हैं। अच्छे वातावरण व प्राकृतिक सौंदर्य के चलते बाद के वर्षों में मदकूद्वीप में ईसाई समुदाय के कुछ लोगों द्वारा वर्ष में एक बार दो- तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया जाने लगा। उक्त स्थल को ओपन चर्च कहा जाने लगा। जबकि विषय विशेषज्ञों के अनुसार ईसाई धर्म में ओपन चर्च या गिरजाघर की अवधारणा नहीं है। उक्त तर्क के साथ मदकूद्वीप को हिंदुओं के आस्था का केंद्र मानते हुए संरक्षित स्मारक घोषित किया जावे। ज्ञापन सौंपने वालों में धर्म जागरण मंच के जिला संयोजक संजय सिंह,शिवकुमार बंजारा, परमानंद कछवाहा, अधिवक्ता गिरीश शुक्ला,रमेश कुलमित्र,मनोहर यादव गुरूजी,दीपक सोनवानी,कोटूमल दादवानी, प्रदीप पाण्डेय,मनोहर मोहले,जीवन पटेल सहित अन्य उपस्थित थे।