राजस्थान/चितौड़गढ़ - एक हजार करोड़ की लागत से चम्बल का पानी बेगूं, चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, भदेसर व गंगरार के गांवों में पहुँचेगा

चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में पेयजल किल्लत को देखते हुए यहां चंबल परियोजना के जरिए पानी लाने का बीड़ा उठाया राजस्थान संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत के प्रयास आखिर रंग लाए। प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के बाद आखिर खुल गए 1000 करोड़ की लागत के इस परियोजना के टेंडर हो गए हैं। आगामी दिनों में तीव्र गति से चंबल परियोजना का कार्य शुरू हो जाएगा।

इस परियोजना के संदर्भ में कार्यालय अतिरिक्त मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग परियोजना क्षेत्र उदयपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता सुनील कुमार गर्ग के कार्यालय आदेश आधार पर इस परियोजना के संदर्भ तीन फर्मों द्वारा उक्त कार्यालय में भौतिक रूप से ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स जमा कराए थे जिसमें (1) M/s mega engeneering & infrastructures Ltd. (2) M/s SPML-BCPL (JV) (3) M/s L&T limited Chennai शामिल रहे।

अतिरिक्त मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग परियोजना क्षेत्र उदयपुर के कार्यालय आदेश जारी अनुसार विभागीय स्तर पर तुलनात्मक अध्ययन के बाद संबंधित फर्म को कार्यादेश जारी होने के पश्चात कार्य शुरू होगा जल जीवन मिशन के अंतर्गत इस प्रोजेक्ट के अनुसार जिले में इस परियोजना से जिले 648 गांव लाभान्वित होंगे जिसमें चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में पंचायत समिति के 220 भदेसर के 45 चित्तौड़गढ़ शहर में उक्त कार्य प्रारम्भ होगा। इसके अलावा योजना में बेगूं के 142, भैंसरोडगढ़ के 82, भदेसर के 45, गंगरार के 98 और निम्बाहेड़ा क्षेत्र के 66 गांव में चम्बल का पानी पहुँचेगा।

उल्लेखनीय की इस परियोजना के संदर्भ में राज्यमंत्री जाड़ावत लंबे समय से प्रयासरत रहे हैं। निविदा प्रक्रिया खुल जाने से स्थानीय जनता की आगामी 50 वर्षों तक पानी की किल्लत दूर होगी। चित्तौडग़ढ़ व भदेसर पंचायत समिति क्षेत्र के लोग पीने के पानी के लिए भूमिगत जल पर निर्भर है। जो गर्मी के दिनों में लाइम स्टोन आदि के कारण सामान्यत: सूख जाता था। उक्त समस्या को देखते हुए सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत ने चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में पीने के लिए चंबल का पानी पहुंचाने की मांग के लिए लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय से लगातार संपर्क कर चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र को चंबल परियोजना से जोड़ने हेतु प्रयासरत रहे थे। 30 नवंबर 2022 को टेंडर खुल जाने से चंबल परियोजना मूर्त रूप लेने जा रही है। स्थानीय आम जनता को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध होगा।