राजस्थान/चितौड़गढ़ - उप नारकोटिक्स आयुक्त की सख्त कार्यवाही,पैसे लेने की शिकायत पर तीन गांवों के मुखिया को हटाया

चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर हो रहे अफीम लाइसेंस के बंदोबस्त कार्य का उप नारकोटिक्स आयुक्त कोटा विकास जोशी ने अवलोकन किया। इस दौरान तीन गांवों में मुखिया के पैसे लेने की शिकायत मिलने पर उन्हें हटा दिया गया है। वहीं एक गांव के मुखिया को भी हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि जो लोग अफीम लाइसेंस के लिए पात्रता रखते हैं उन्हें किसी को भी पैसे देने की जरूरत नहीं है। पात्र किसानों की सूची जारी कर दी है। दलालों से सतर्क रहें। कोई भी पैसे मांगता है तो उसकी शिकायत विभाग के उच्च अधिकारियों को दें।

जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ जिले में वर्ष 2022- 23 में अफीम की बुवाई को लेकर लाइसेंस वितरण का कार्य किया जा रहा है। सीपीएस पद्धति से जिन किसानों को खेती करनी है उन्हें लाइसेंस देने का कार्य शुरू हो गया है। इसका मंगलवार को दूसरा ही दिन था। इस दौरान उप नारकोटिक्स आयुक्त कोटा मंगलवार दोपहर में चित्तौड़गढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने जिला अफीम अधिकारी कार्यालय पहुंच कर निरीक्षण किया। तीनों ही खंड के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुछ गांवों से किसानों ने मुखिया के पैसे लेने की शिकायत दी थी। इस पर तीन गांवों के मुखिया को हटा दिया गया है। इसमें पालछा, बानसेन प्रथम और द्वितीय गांव के मुखिया को हटाने की कार्रवाई की गई है। साथ ही एक गांव के मुखिया खिलाफ और शिकायत मिली है, जिसको भी हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में जिला अफीम अधिकारी को निर्देश दिए हैं।

किसानों को कर रहे जागरूक, पंपलेट का वितरण

नारकोटिक्स महकमे में आए दिन मिलने वाली लेन देन की शिकायतों की रोकथाम को लेकर उच्च अधिकारियों ने कमर कसी हुई है इसी क्रम में किसानों को जागरूक किया जा रहा है। सभी किसानों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि जो किसान लाइसेंस के लिए पात्रता रखते हैं उन्हें किसी को भी पैसे देने की जरूरत नहीं है। उप नारकोटिक्स आयुक्त ने बताया कि दो पंपलेट भी जारी किए हैं। दोनों ही पंपलेट जिला अफीम अधिकारी कार्यालय पर आने वाले किसानों को दिए जा रहे हैं। इसके माध्यम से किसानों को निर्देश दिया जा रहा है कि पैसे की मांग की शिकायत उच्च अधिकारियों को दें। किसी को भी पैसे देने की जरूरत नहीं है।

लाइसेंस वितरण की स्थिति

चित्तौड़गढ़ जिले में अफीम बुवाई का कार्य तीन खंड में विभक्त किया है। इसमें खंड प्रथम में बस्सी, चित्तौड़, भदेसर, कानोड़, वल्लभनगर, लसाडिया, भींडर तहसील शामिल है। इसमें सामान्य बुवाई के लिए 302 गांवों में 5199 किसानों को अफीम बुवाई के लाइसेंस दिए हैं। वहीं सीपीएस पद्धति के 276 किसानों को लाइसेंस देंगे। इसी प्रकार खंड द्वितीय में डूंगला, गंगरार, राशमी, कपासन, भूपालसागर व मावली तहसील आती है। इसमें 195 गांवों में 4630 किसान नामांकित थे, जिनमें से 13 को लाइसेंस देने शेष है। वहीं सीपीएस में करीब 450 किसानों को लाइसेंस देंगे। वहीं खंड तृतीय में निंबाहेड़ा और बड़ीसादड़ी तहसील आती है। इसमें 241 गांवों में 4888 किसानों को अफीम बुवाई के लिए लाइसेंस दिए है। वहीं सीपीएस पद्धति से बुवाई के लिए 1350 किसानों को अफीम लाइसेंस देंगे।