उप-पंजीयक की मनमानी से पक्षकार परेशान  अनुविभागीय अधिकारी के आदेश का किया जा रहा अवहेलना


सक्ति/जैजैपुर। उप-पंजीयक कार्यालय जैजैपुर में लोगों को अपनी भूमि के क्रय विक्रय के संबंध में पंजीयन कराने पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।उप-पंजीयक साहू के अड़ियल रवैये एवं अवैध वसूली के चलते पक्षकारो को रजिस्ट्री पंजीयन में भारी परेशानी उठानी पड रही है। छत्तीसगढ़ शासन के नियमानुसार भूमि के पंजीयन के लिए बी 1, खसरा, नक्शा और पटवारी प्रतिवेदन की आवश्यकता होती है, अन्य किसी और दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती है । विभिन्न उप पंजीयक कार्यालयों में इन्हीं दस्तावेजो के आधार पर पंजीयन किया जाता है। किन्तु जैजैपुर पंजीयन कार्यालय में भूमि के पंजीयन के लिए उप पंजीयक साहू द्वारा बिक्रीछांट/ बिक्री नकल के बगैर ही रजिस्ट्री किया गया है। जबकि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की साफ आदेश था कि बगैर पटवारी प्रतिवेदन के रजिस्ट्री का कार्य नहीं किया जाना है। लेकिन जैजैपुर रजिस्ट्रार साहू द्वारा लेनदेन कर बिना पटवारी प्रतिवेदन के रजिस्ट्री किया गया है।


विदित हो कि जैजैपुर उप पंजीयक साहू की मनमानी चरम पर है। रजिस्ट्रार द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के आदेश को नजर अंदाज करते हुए बिना पटवारी प्रतिवेदन के रजिस्ट्री का कार्य लेनदेन कर किया गया है। जबकि अनुविभागीय अधिकारी के आदेश में साफ कहा गया था। कि बिना पटवारी प्रतिवेदन के किसी का रजिस्ट्री का कार्य नही करना है। लेकिन जैजैपुर रजिस्ट्रार द्वारा मनमानी और लेनदेन कर रजिस्ट्री का कार्य किया गया है। वही उप पंजीयक साहू द्वारा मन मुताबिक रकम दस्तावेज में नहीं मिलने पर पक्षकार को परेशान किया जाता है और अंततः दस्तावेज को न्यूनतम मूल्यांकित मानते हुये बगैर कारण के जिला पंजीयक कार्यालय जांजगीर के पास भेज दिया जाता है। जिससे पक्षकारों को अनावश्यक धन एवं समय की बर्बादी होती है, अनावश्यक पक्षकार को परेशानी उठानी पडती है। जबकि उप पंजीयक के द्वारा भेजा गया दस्तावेज को जिला पंजीयक द्वारा उचित मूल्यांकित मानते हुये वापस लौटा दिया जाता है।जिससे स्पष्ट होता है कि इनकी मांग पूरी नहीं होने पर मनमुताबिक रकम न मिलने के कारण पक्षकार को परेशान करने के उद्देश्य से साहू द्वारा बिना कारण के जिला पंजीयक के पास दस्तावेज को भेजा जाता है। एक पक्षकार ने नाम न लिखने के शर्त पर बताया कि उप पंजीयक साहू के द्वारा उसके दस्तावेज पंजीयन में 10000/रू. की मांग की लेकिन राशि नहीं देने पर उसका पंजीयन नहीं किया गया । पीड़ित पक्षकार ने बताया कि मैंने जैसे ही मांगी गई राशि देने की बात मानी उसके बाद ही रजिस्ट्री की कार्यवाही की गई। उप पंजीयक कार्यालय में अवैध वसूली का कारोबार जोर शोर से बेरोक टोक चल रहा है।जिस पर अवैध वसूली पर अंकुश लगाना निहायत ही आवश्यक है।उप पंजीयक साहू के द्वारा ऐसे कई रजिस्ट्री किये गये है जिसमें पटवारी की बिक्रीछांट नहीं लगी है ।परन्तु बिक्रीछांट की जगह मोटी रकम प्राप्त होने पर पंजीयन कर दिया गया है। जबकि प्रत्येक पंजीयन पर इनके द्वारा बिक्रीछांट की बात कही जाती है। बिना बिक्री छांट के इनके द्वारा पंजीयन नहीं किया जाता है। लेकिन बिक्रीछांट के बिना पंजीयन होना समझ से परे है ।उक्त पंजीयन की उच्च स्तरीय जांच की जाये तो भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है।
वहीं उप पंजीयक द्वारा खुले आम प्रत्येक पंजीयन पर राशि की मांग की जाती है ।और उनके द्वारा कहा जाता है कि मुझे भी अपने ऊपर वालों को राशि पहुंचाना पड़ता है। शासन प्रशासन को चाहिए कि जैजैपुर उप पंजीयक कार्यालय में एक लिपिक को लम्बे समय से रजिस्ट्रार की चार्ज देने से जैजैपुर स्थित पंजीयक कार्यालय में भ्रष्ट्राचार बढ़ी हुई है। स्थाई रूप से जैजैपुर के पंजीयन कार्यालय में स्थाई अधिकारी की नियुक्ति होनी चाहिए ताकि पंजीयन कराने वाले व्यक्तियों को परेशानियों का सामना करना न पढ़े इनके द्वारा प्रत्येक पंजीयन पर राशि ली जाती है। उस पर शासन प्रशान को लगाम लगाने की आवश्यकता है।


दोषियों पर की जाएगी कड़ी कार्यवाही


शिकायत पर तहसीलदार को जांच के लिए कह दिया जाएगा जांच प्रतिवेदन के आधार पर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी


रैना जमील

अनुविभागीय अधिकारी रा.सक्ति