ठगी करने वाले 4 झारखंडी आरोपियों को गिरफ्तार कर  पुलिस अधीक्षक ने किया खुलासा आरोपियों को भेजा गया जेल

जिला बलरामपुर रामानुजगंज के अंतर्गत अलग-अलग थानों में ठगी के शिकार होने वाले व्यक्तियों के द्वारा अपराध दर्ज कराया गया था दिनांक 19.05.2022 को प्रार्थी रामलखन गुप्ता ने फोन पे चालू करने के लिए कस्टमर केयर नंबर पर कॉल किया तब उसे मोबाईल नंबर 9692426956 से रिटर्न कॉल आया और फोनपे चालू करने हेतु ऐनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने बोला प्रार्थी द्वारा ऐनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने के पश्चात प्रार्थी से बैंक संबंधित जानकारी लिया कुछ देर पश्चात प्रार्थी के एच.डी.एफ.सी. एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खातों से क्रमश: 21000 रू0 एवं 10000 रू0 की निकासी हो गई प्रार्थी के द्वारा साइबर फ्रॉड होने की जानकारी पर चौकी विजयनगर में रिपोर्ट दर्ज कराया।

दिनांक 29.05.2022 को प्रार्थी नंदलाल गुप्ता को मोबाइल नंबर 8101097701 से अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर बीएसएनएल कंपनी से फोन करने की जानकारी देते हुये मोबाइल बंद होने की सूचना देते हुये ओटीपी भेज रहा हूं जिसे मुझे वापस भेजो तुम्हारा मोबाइल चालू करा दूंगा बोला और ऐनीडेस्क ऐप डाउनलोड कराया प्रार्थी द्वारा ओटीपी बताने के पश्चात कुछ देर बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से 25000-25000 करके चार बार में कुल 99900 रू0 की निकासी हो गई प्रार्थी के द्वारा साइबर फ्रॉड होने की जानकारी पर थाना रामानुजगंज में रिपोर्ट दर्ज कराया।

दिनांक 02.06.2022 को प्रार्थी नरेश अग्रवाल के पास अज्ञात व्यक्ति द्वारा माई जिओ ऐप से संबंधित जानकारी एवं सुविधा के नाम पर फोन किया और बातों ही बातों में प्रार्थी से उसके एवं उसके भाभी एवं उसकी मां के खाते की जानकारी प्राप्त कर यूपीआई के माध्यम से क्रमश: 36100, 24000 7780 रू० कुल 67880 रू० ठगी कर लिये प्रार्थी के द्वारा साइबर फ्रॉड होने की जानकारी पर थाना राजपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया।

सायबर फ्रॉड के बढ़ते मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक बलरामपुर मोहित गर्ग के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलरामपुर सुशील नायक के निर्देशन में सायबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू के नेतृत्व में आरोपियों की पतासाजी एवं गिरफ्तारी हेतु सायबर सेल, थाना रामानुजगंज, थाना राजपुर, चौकी विजयनगर की संयुक्त टीम गठित की गई। सायबर सेल की तकनीकी टीम द्वारा आरोपियों द्वारा प्रार्थियों को कॉल किये गये नंबरों एवं आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये पेमेन्ट वॉलेट तथा बैंक खातों का तकनीकी विश्लेषण किया गया तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पाया गया कि उपरोक्त फ्रॉड में झारखंड के जामताड़ा, मधुपर, देवघर के आरोपियों की संलिप्तता है, तत्पश्चात आरोपियों की पतासाजी हेतु सउनि योगेन्द्र जायसवाल, प्र. आर. कलेश्वर तिर्की, प्र.आर. विष्णुकांत मिश्रा, आर. अमरेन्द्र सिंह, आर. सुखलाल सिंह, आर. आकाश तिवारी को जामताड़ा देवघर रवाना किया गया आरोपियों के मोबाइल लोकेशन एवं बैंक दस्तावेज के पते के आधार पर सर्वप्रथम ग्राम बनगोड़ा थाना देवीपुर में दबिश देकर आरोपी पल्टू दास एवं पंकज दास को पकड़ा गया जिनसे पूछताछ करने पर बताया कि इन्होने गूगल में फोनपे के लिए फर्जी वेबसाईट बनाकर कस्टमर केयर के लिए अपने स्वयं का मोबाइल नंबर डाला था, प्रार्थी जब अमित होकर इन्हे फोन करते थे तब फोनपे / गूगलपे अधिकारी बनकर पीड़ितों को फोन कर ऐनीडेस्क ऐप डाउनलोड कराकर कस्टमर के खाते से रकम अपने ऑनलाईन वालेट मोबीक्वीक में ट्रांसफर कर लेते थे तथा किसी अन्य व्यक्ति के खाते में फर्जी दस्तावेज के आधार पर वॉलेट खोलकर पैसे को निकाल कर विभिन्न कार्यों एवं मौजमस्ती में खर्च करते थे।

इसी तरह दो अन्य मामलों में आरोपियों का ग्राम मोड़ाबाड़ी थाना चतरा में होने की जानकारी मिलने पर ग्राम मोड़ाबाड़ी दबिश दिया जाकर आरोपी प्रकाश मंडल एवं हेमलाल हसदा को गिरफ्तार किया गया जिन्होने बताया कि बीएसएनएल कंपनी का अधिकारी बनकर मोबाइल बंद होने का झांसा देकर ऐनीडेस्क ऐप डाउनलोड कराकर ओटीपी की जानकारी लेकर 99900 रू० ठगी किया था तथा नरेश अग्रवाल एवं उनके घरवालों को माई जिओ ऐप में कैश बैक का ऑफर बैंक खातों की जानकारी लेकर लिंक भेजकर क्रमश: 36100, 24000, 7780 रू0 कुल 67880 रू० रकम ठगी किया था जिसे अलग-अलग वॉलेट में ट्रांसफर कर खर्च करना बतायें हैं।

सभी आरोपीगण जामताड़ा एवं मधुपर के आसपास के गांव के निवासी हैं जो बिल्कुल अनपढ़ हैं जो गांव के अन्य लोगों को देखकर उन्हीं से अलग-अलग तरीकों से ठगी करना एवं बातचीत करना सीखे हैं, आरोपियों द्वारा पकड़े जाने के डर से अपने गांव के आसपास के जंगलों में बैठकर ठगी की वारदात करने के लिये कॉल करते रहते हैं तथा विभिन्न राज्यों की पुलिस आने की सूचना पर भागकर जंगलों में छीप जाते हैं, पकड़े जाने पर ग्रामीणों के द्वारा पुलिस का विरोधकर आरोपियों को छोड़ने के लिये दबाव बनाने की कोशिश भी करते हैं।

आरोपियों के गिरफ्तारी में गिरफ्तारी के लिये गई टीम के अलावा सायबर सेल की तकनीकी टीम प्र. आर. प्रदीप कुमार साना, आर. अमित निकुंज, आर राजकिशोर पैंकरा, आर. मंगल सिंह, आर. राजकमल सैनी का महत्वपूर्ण भूमिका रहा है।