किशोरी ने पशु बाड़े पर नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर की आत्महत्या,पुलिस जांच में जुटी

बबेरु/बांदा
बबेरू कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सातर गांव में एक 17 वर्षीय किशोरी ने सूना घर पाकर पशु बाड़े पर पहुंचकर रस्सी के सहारे से नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया हैं। जैसे ही किशोरी की मां पशु बाड़े पर पहुंची तो नीम के पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकती मिली यह नजारा देखकर परिवार में कोहराम मच गया हैं।

मामला बबेरू कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सातर गांव का है। जहां की रहने वाली रेशमा देवी पुत्री चुनबाद बाल्मीकि उम्र 17 वर्ष यह अज्ञात कारणों के चलते अपने सुना घर पाकर पशु बाड़े पर पहुंचकर नीम के पेड़ में रस्सी बांधकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया हैं।जैसे ही किशोरी रेशमा देवी की माँ घर पहुंची तो घर पर नहीं मिली, उसके बाद पशु बाड़े पर पहुंची तो नीम के पेड़ पर रस्सी के सहारे से फांसी पर झूल रही थी। यह नजारा देखकर तेज तेज चिल्लाने लगी, जब आसपास के लोगों ने रोने की आवाज सुनी तो और लोग पशु बाड़े पर पहुंच गए। इसके बाद परिजनों के द्वारा पुलिस को सूचना दी गई, मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फांसी के फंदे से उतारकर कब्जे पर लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं इस घटना की जांच पड़ताल पुलिस के द्वारा की जा रही है।

मृतक किशोरी की मां मीना देवी ने बताया कि घटना के समय मैं घर पर नहीं थी। कृष्ण जन्माष्टमी की छठी को लेकर गांव में अंगनाई बजाने गई थी। जब लौट कर आई तो घर पहुंची घर में रेशमा नहीं मिली, तो मैंने सोचा कि शायद पशुबाड़ा में होगी, जब पशुबाड़ा पर पहुंची तो यह फांसी के फंदे पर लटकी थी। इसकी आत्महत्या का कारण हमें पता नहीं है कि किस कारण से इसने आत्महत्या किया हैं। मृतक चार बहने व दो भाई थे जिसमे मृतका रेशमा पांचवें नंबर की थी। कोहराम मचा हुआ,
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार पाठक ने बताया कि सातर गांव में एक 17 वर्षीय किशोरी ने नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। कारण स्पष्ट नहीं हुआ, जिसके कारण शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। जांच की जा रही है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।