17 सालो से वीरान कुरुद बस स्टैंड,नही आती बसे अंदर यात्री परेशान

कुरुद :-नगर पूरे प्रदेश में विकास के नाम से जाना जाता हैं,नगर में हर प्रकार की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, स्कूल,कॉलेज,
मंडी,न्यायालय,तहसील,पर सरकार के उदासीन रवैये व प्रशासनिक लापरवाही के चलते कुरुद में लाखो रुपये की लागत से बना बस स्टैंड पिछले 17 सालों से यूं ही पड़ा है। स्थिति यह है कि कहने को तो कुरुद में बस स्टैंड है,परन्तु न तो बसों का संचालन यहां से होता है, न ही यात्रियों को कोई सुविधाएं उपलब्ध हैं।दूर-दराज के गांवों से आने वाले यात्रियों के लिए यात्री प्रतीक्षालय के अभाव में रोड़ किनारे,होटलो में बैठकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। यात्रियों का कहना है कि प्रतीक्षालय भवन के अभाव में पुरुष तो कहीं भी बैठकर बसों का इंतजार कर लेते हैं लेकिन महिलाओं व बच्चों को भी हाइवे में रोड़ किनारे एवं होटलों में बैठकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा प्रसाधान के अभाव में महिलाओं एवं अन्य लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बस स्टैंड पर पीने के पानी का भी कोई इंतजाम नहीं है। इससे यात्रियों को पीने के पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ता है। बदहाल बस स्टैंड यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि लाखो रुपये की लागत से बने कुरुद के आधुनिक बस स्टैंड का निर्माण पूर्व की भाजपा शासन में हुआ था,जिसका उद्घाटन 19 नवंबर 2005 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल,अजय चंद्राकर के मौजूदगी में हुआ था। बस स्टैंड में बसों के लिए बूथ बनाए गए हैं लेकिन बसों के संचालन न होने से सब जर्जर हो गए हैं। शुरू शुरू में कुछ समय बसें स्टैंड अंदर आती थी फिर अंदर आना बंद कर दिया,इस विषय पर न ही जनप्रतिनिधियों न ही स्थानीय प्रशासन ने कभी ध्यान दिया। अब फोर लेन सड़क निर्माण के बाद बसों के बस स्टैंड आने की उम्मीद भी आम जनता की खत्म हो गई हैं।