जिम्मेदारों ने महीनों तक दबाई नाबालिक से दुष्कर्म की जानकारी, नाबालिक बनी मां तब हुआ खुलासा

बलरामपुर जिले में नाबालिकों से दुष्कर्म के मामले थमने का नाम नही ले रहा है वही ऐसे मामलों पर सामाजिक और प्रशानिक स्तर के जिम्मेदार लोग भी पर्दा डालने का भरपूर प्रयास कर रहे थे ,और मामला तब पुलिस के पास पहुच है जब मासूम सी बच्ची जिसके खुद ही खेलने खाने का समय वह माँ बन जा रही है।
बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखण्ड में पुलिस के पास ठीक ऐसा ही मामला बीते दिनों आया जहाँ पर पीड़िता के परिजनों ने लिखित शिकायत दी कि उसकी बच्ची के साथ दुष्कर्म हुवा है और वह गर्भवती है वही जिम्मेदार ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव सभा लगा कर नाबालिक पीड़िता को संरक्षण प्रदान न करके आरोपी के साथ ही रहने का फैसला सुना कर साथ भेज देते है,परन्तु पीड़िता दूसरे दिन अपने घर वापस चली जाती है।और हॉस्पिटल में एक बच्चे को जन्म देती है,वही शिकायत के आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर के आरोपी को गिरफ्तार कर लेती है।लेकिन क्या ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव ऐसे मामलों पर साथ रहने का फैसला सुनवाई देने का अधिकार रखते है या फिर उन्हें पीड़िता को न्याय दिलाने का प्रयास किया जाना चाहिए था।ठीक ऐसा ही एक मामला महीने पहले इसी क्षेत्र से और आया था जहाँ पर 12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया था और उसे गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीके भी लगे थे।और मामले का खुलासा तब हुवा जब वह माँ बनी।

*डॉ राजेश पाण्डेय,मितानिन,
एएनेम,सुपरवाइजर,सभी को थी जानकारी*----
आपको बता दे कि नाबालिक से दुश्कर्म के बाद गर्ववती होने पर मितानिन व नर्स उसे ठीक टीका लगाने पहुचे लेकिन टीका नही लगाया जा सका,नर्स ने जानकारी देते हुवे बताया की अक्टूबर माह में जब हम पता चला कि नाबालिक बच्ची गर्ववती है और दुष्कर्म पीड़ित है तो मैं मौखिक इसकी जानकारी अपने सुपरवाइजर उषा पटेल और डॉ राजेश पांडेय की दी थी,उन्हें इसकी जानकारी आगे फॉरवर्ड करना था इसके अलावे मैं क्या कर सकती थी।

कैसे होगा शासन के बाल संरक्षण व सुरक्षा का सपना पूरा ----
शासन प्रशासन जहां बालकों के संरक्षण व सुरक्षा के लिए लाख योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही हो
हर थानों व पुलिस चौंकियो में बाल मित्र तैनाथ हो तथा चाइल्ड लाइन कार्य कर रहा हो इसके बावजूद भी ऐसी घटनाएं महीनों तक दबाने का प्रयास हो रहा हो तो जिम्मेदार कौन होगा,हालांकि शिकायत पुलिश के पास है,इस मामले में साक्ष्य छुपाने के मामले में पुलिश किस किस पर क्या कार्यवाही करती है यह देखना होगा।