बिल्हा आबकारी अधिकारी आशीष सिंह नही लगा पा रहे अवैध शराब की बिक्री एवं चखना सेंटरो पर रोक.... कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ती.....

बिल्हा क्षेत्र में चल रहे अवैध शराब की बिक्री एवं अवैध चखना सेंटरों पर अधिकारियों द्वारा सिर्फ नाम मात्र की कार्यवाही करने के कारण पूरे क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री जोरों पर चल रही है साथ ही हर जगह-जगह चौक चौराहों पर लगभग क्षेत्र के 90% गांव में शराब पिलाना शराब पीने एवं शराब पीने के सामग्री परोसा जा रहा है जिस पर अधिकारियों द्वारा कार्यवाही एक बार कर दोबारा झांककर नहीं देखते हैं जिसके चलते क्षेत्र में सभी गांव बाजार तथा जगह-जगह पर सभी अवैध शराब बिक्री करने वाले के हौसले बुलंद हो चुके हैं जिस पर अधिकारियों का कोई दबाव रहता ही नहीं क्षेत्र में कई जगहों पर कच्ची शराब जोरों से तैयार कर बिक्री भी किया जाता है जिसके नाम से अधिकारियों को अवगत कराने पर प्रार्थी खोजते हैं कि कोई शिकायत करें, जानकारी मिलने के बाद भी उन तक नहीं पहुंच पाते हैं क्योंकि जो कच्ची शराब बनाकर भेजते हैं उनसे अधिकारियों का सबसे ज्यादा सांठगांठ रहता है क्षेत्र में कई गांव की महिलाओं ने थाने में भी जाकर शिकायत दर्ज करवाएं हैं कि गांव में कई प्रकार की घटना अवैध शराब एवं गांजा बिक्री के चलते महिलाएं काफी परेशान रहती है जिसके चलते संबंधित अधिकारियों को लिखित में शिकायत पत्र भी दिए हैं कि गांव में ताश पत्ती गांजा दारु का सेवन पूर्ण रूप से बंद होना चाहिए, लेकिन फिर भी बिल्हा क्षेत्र में इस प्रकार की घटना और लगातार बढ़ते जा रही है, खासकर जिस रोड पर शराब भट्टी स्थित है उस रोड में 10 से 15 चखना सेंटर धड़ल्ले से चलते आ रही है लेकिन अधिकारी वहीं से गुजर कर भी चुप निकल जाते हैं, कार्यवाही करने की बात करने पर कार्यवाही हम तो किए थे, फिर से चालू कर दिए तो क्या कर सकते हैं बोलकर टालमटोल कर देते हैं, खासकर जिस कोचिया से अधिकारियों को छोटा-मोटा राशि का सहयोग नहीं मिल पाता है उनके ऊपर घात लगाए बैठे रहते हैं कि कब उसको दबोचे और कब उनके ऊपर कार्यवाही करें, जो लगातार अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं उन पर कार्यवाही नाम मात्र का ही किया जाता है, बात यहीं तक नहीं है शराब भट्टी पर शराब प्रेमियों को शराब लेने जाने पर कई प्रकार के नियम कानूनों का हवाला देते हैं 10-15 दिन तक 4-5 पाव बेचने का आदेश दिया जाता हैं तो कुछ दिन बाद 10 पाव फिर कुछ दिन बाद 25 पाव तक एक व्यक्ति को देने का नियम बताते हैं लेकिन वही कुछ कोचिया जो शराब धड़ल्ले से अवैध रूप से बिक्री करता है उनको 10 मिनट के अंदर 100 से 200 पाव कैसे मिल जाता है यह अधिकारियों के नजर में नहीं आता क्योंकि उन से महीने में मोटी रकम वसूल कर ली जाती है जब मामला ज्यादा ही आगे बढ़ता है तब नाम मात्र की कार्यवाही को दिखाकर लोगों में हवाला दे दिया जाता है फिलहाल खबर इतना ही है आगे कुछ दिनों बाद हमारी दूसरी खबर फिर से बनने वाली है।